कोलकाता. पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान को पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट से उम्मीदवार बनाने पर तृणमूल कांग्रेस के भीतर ही बगावती सुर बुलंद हो रहे हैं. इसे लेकर मुर्शिदाबाद जिले में तृणमूल कांग्रेस में अंदरूनी कलह शुरू हो गई है. जिले की भरतपुर विधानसभा सीट से TMC विधायक हुमायूं कबीर इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा मुखर हो गए हैं. उनका कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने TMC के जिला नेतृत्व से बिना बातचीत के ही यूसुफ पठान के नाम का ऐलान कर दिया.


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क्या बोले हुंमायू कबीर
उन्होंने कहा-जिला लीडरशिप बहरामपुर से पठान को चुनावी मैदान में उतारने के पार्टी के फैसले के बारे में पहले से बताया जा सकता था. मैं इस निर्णय को स्वीकार नहीं करता. चुनाव की तारीखों की घोषणा होने दीजिए और आप मेरी अगली कार्रवाई देखेंगे. मैं उनके खिलाफ वोटिंग सुनिश्चित करूंगा. अगर जरूरत पड़ी तो मैं अपना खुद का राजनीतिक दल बनाऊंगा.


पहले भी उठा चुके हैं लीडरशिप के खिलाफ आवाज
दरअसल यह पहली बार नहीं है जब हुंमायू कबीर ने टीएमसी लीडरशिप के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई है. 2023 के सितंबर महीने में कबीर ने पार्टी नेतृत्व पर राज्य में पंचायत चुनावों में पैसे देकर उम्मीदवारों को टिकट सुनिश्चित करने में शामिल होने का आरोप लगाया था.


सभी लोकसभा सीटों पर उतारे प्रत्याशी
बता दें कि ममता बनर्जी ने इंडिया अलायंस से इतर राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. इस लिस्ट में पुराने और नए दोनों तरह के राजनीतिक चेहरों को जगह दी गई है. जिस बहरामपुर सीट से यूसुफ पठान को उम्मीदवार बनाया गया है वहां से कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी हैं. इस सीट पर ममता बनर्जी द्वारा एक लोकप्रिय चेहरा उतारने के ममता के फैसले को कांग्रेस के लिए 'एक संकेत' के रूप में देखा जा रहा है. 


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