भोपाल: ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद 22 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी. अब राज्य में बहुमत के आंकड़े को लेकर खींचतान चल रही है. कमलनाथ सरकार ने संवैधानिक रूप से बहुमत खो दिया है लेकिन फिर भी वो सरकार बचाने की जुगत में लगी है. भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने सभी विधायकों को भोपाल से अलग हरियाणा के मानेसर में एक रिजॉर्ट में रखा है. दूसरी तरफ कांग्रेस के मात्र 92 विधायक बचे हैं जिन्हें कांग्रेस शासित राजस्थान में जयपुर के एक रिजॉर्ट में रखा गया है.


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कांग्रेस पर बड़ा संकट


कांग्रेस को ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने का झटका तो लगा ही है साथ में उसके 22 विधायक भी पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं. ऐसे में कमलनाथ सरकार का बचना नामुमकिन है. बुधवार को कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को जयपुर भेज दिया. राजस्थान में कांग्रेस की ही सरकार है, ऐसे में उसे भरोसा है कि वह यहां विधायकों को सुरक्षित रख पाएगी. जयपुर में एक रिजॉर्ट बुक किया है, जहां पर 42 कमरे कांग्रेस विधायकों के लिए रखे गए हैं. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार बनने से पहले कांग्रेस के विधायक इसी होटल में रुके थे.



भाजपा सरकार बनना लगभग तय


मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं. दो विधायकों का निधन हो गया है, जिसके चलते विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है. 22 विधायकों के इस्तीफे के कारण बहुमत 104 पर है और वर्तमान में भाजपा के पास 107 विधायक हैं. सूत्रों के मुताबिक 17-24 विधायक ऐसे बताए जा रहे हैं जिन्होंने कांग्रेस से बगावत कर ली है. इनमें ज्यादातर विधायक सिंधिया खेमे के हैं. ये विधायक कर्नाटक में हैं और भाजपा को समर्थन दे रहे हैं.


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अब भी बहुमत का दावा कर रहे हैं कमलनाथ


प्रदेश में सरकार निर्माण को ले कर होने वाली कार्रवाई को व्यवस्थित रूप देने के लिए होने वाली भाजपा की बैठक कल रात्रि सम्पन्न हो गई . भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के साथ-साथ कल 10 मार्च को पार्टी के नेताओं की बैठक में मध्य प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा हुई. दूसरी तरफ कमलनाथ लगातार बहुमत होने का दावा कर रहे हैं जबकि कई कांग्रेस नेता तक विपक्ष में बैठने की बात स्वीकार कर चुके हैं.



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