नई दिल्लीः आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाकिस्तान स्थित आकाओं को सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी सूचना कथित तौर पर मुहैया करने को लेकर जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में एक मदरसा शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. 


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मुखबिरी के आधार पर हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने बताया कि उक्त व्यक्ति ‘दुश्मन के एजेंट’ के रूप में काम कर रहा था और उसके खिलाफ ‘दुश्मन एजेंट अध्यादेश कानून’ के प्रावधान तीन के तहत मामला दर्ज किया गया है. मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर 11राष्ट्रीय राइफल और पुलिस ने संयुक्त रूप से चेर्गो दूल निवासी अब्दुल वाहिद गुज्जर को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एजेंट के रूप में काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. 


सोशल मीडिया के जरिए पाक तक पहुंचाता था जानकारी
पुलिस की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘वह विभिन्न पुलिस प्रतिष्ठानों और सुरक्षा बलों की गोपनीय जानकारी विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से पाकिस्तान स्थित आका को मुहैया किया करता था.’ पुलिस ने दावा किया कि उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है और इस सिलसिले में भविष्य में और गिरफ्तारियां किए जाने की संभावना है. 


इससे पहले अधिकारियों ने गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मौलवी कारी अब्दुल वाहिद (25) के रूप में की थी. अधिकारियों ने बताया कि वाहिद दादपेठ गांव के मदरसे में अपनी पत्नी और सात महीने के बेटे के साथ रहता था और अध्यापन कर रहा था. 


गिरफ्तारी को बताया बड़ी सफलता
अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी को 'बड़ी सफलता' करार देते हुए कहा कि शुरू में सैन्य खुफिया इकाई ने एक संदिग्ध की मौजूदगी के बारे में जानकारी जुटाई थी, जो पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारियां भेज रहा था. वाहिद विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में आ गया था. उसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एकसाथ मिलकर काम किया. 


पिछले सप्ताह बुलाया गया था पूछताछ के लिए
उन्होंने कहा कि उन्हें पिछले सप्ताह पूछताछ के लिए बुलाया गया था. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस, सैन्य खुफिया इकाई और राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) की संयुक्त पूछताछ के दौरान, वाहिद ने दिसंबर 2020 से ही आतंकी समूह कश्मीर जांबाज फोर्स (केजेएफ) के लिए काम करने और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के वीडियो और तस्वीरें साझा करने की बात स्वीकार की. 


वाहिद का ‘आतंकवाद की ओर झुकाव’ था और वह सोशल मीडिया पर स्वयंभू केजेएफ कमांडर तैयब फारूकी उर्फ ​​उमर खताब के संपर्क में आया था. उन्होंने कहा कि वह खुद को सक्रिय आतंकवादी बताता था और इसके अलावा ऑनलाइन समूह का सक्रिय सदस्य बन गया था. 


अधिकारियों ने बताया कि वह कुछ अज्ञात लोगों के साथ नियमित रूप से संपर्क में था. उन्होंने कहा कि संभवत: पाकिस्तानी खुफिया समूह के गुर्गों ने स्थानीय युवाओं को आतंकवाद में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के वास्ते पैसे और नए फोन की पेशकश की थी.


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