प्रयागराज: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के शव का बुधवार को पोस्टमार्टम हुआ. करीब ढाई घंटे तक चले पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पुलिस के उच्चाधिकारियों को सीलबंद लिफाफे में सौंप दी गई है.
पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव शरीर को बाघंबरी गद्दी मठ ले जाया गया है, जहां शव को गंगा स्नान कराने की तैयारी की जा रही है. आज महंत का पार्थिव शरीर प्रयागराज में नगर यात्रा (जुलूस) के लिए निकाला जाएगा. 


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आज दी जाएगी भू-समाधि
निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि दिवंगत संत के पोस्टमार्टम के बाद, उनके पार्थिव शरीर को संगम में पारंपरिक स्नान के लिए ले जाया जाएगा. हम फिर हनुमान मंदिर के लिए आगे बढ़ेंगे और जुलूस अल्लाहपुर के बाघंबरी मठ में वापस आ जाएगा. महंत को आज यानी 22 सितंबर को बाघंबरी मठ में भू-समाधि दी जाएगी.


नींबू के पेड़ के नीचे दी जाएगी भू-समाधि
उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र गिरि को बाघंबरी मठ में समाधि दी जाएगी और मृतक महंत की इच्छा के अनुसार नींबू के पेड़ के नीचे एक जगह का चयन किया गया है.



संतों ने कहा कि उन्हें बैठने की मुद्रा में समाधि दी जाएगी, जिसका अर्थ है कि वह ध्यान में हैं. यह धार्मिक अभ्यास के अनुसार किया जाएगा


नगर यात्रा के बाद होगी बैठक
सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी के रूप में नामित महंत बलबीर गिरि ने कहा कि पंच के सभी सदस्य आ चुके हैं. वह बुधवार को नगर यात्रा के बाद एक बैठक करेंगे. अखाड़ा परिषद की सबसे महत्वपूर्ण बैठक 'शोष्ठी' (द्रष्टा के निधन के 16 दिन बाद) के बाद होगी. इसके बाद बैठक औपचारिक रूप से देश के 13 मान्यता प्राप्त मठों के शीर्ष निकाय के अगले अध्यक्ष का चुनाव करेगी.


आनंद गिरि पर ब्लैकमेल पर आरोप
इससे पहले जांच में पता चला था कि सुसाइड नोट में महंत ने लिखा कि आनंद गिरि उन्हें ब्लैकमेल कर रहे थे. आनंद गिरि ने एक लड़की और उनकी तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की थी.नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में लिखा, 'उन्हें सूचना मिली थी कि आनंद गिरि ने अपने कंप्यूटर पर फोटो को मॉर्फ्ड कर दिया है और इसे जल्द ही सार्वजनिक करने की तैयारी कर रहे हैं. आनंद ने मुझसे कहा कि एक बार ये आरोप फैल जाने के बाद आप कितने लोगों को अपनी बेगुनाही साबित करेंगे?'


आनंद गिरि है पुलिस की गिरफ्त में
हालांकि, शीर्ष पुलिस अधिकारी इस कोण से इनकार कर रही हैं, जिससे नरेंद्र गिरि की रहस्यमय मौत हो सकती थी. आनंद गिरि को अब आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उससे पूछताछ की जा रही है. सुसाइड नोट में नामित दो अन्य-आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी भी पुलिस हिरासत में हैं.


अतिरिक्त डीजी (प्रयागराज जोन) प्रेम प्रकाश ने गिरि की मौत की जांच के लिए 18 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है.


'साजिश का परिणाम है गिरि की मौत'
हालांकि, प्रयागराज और हरिद्वार के संतों ने अब आरोप लगाया कि उनकी मृत्यु उन लोगों की ओर से एक साजिश का परिणाम थी, जो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख के रूप में उनके द्वारा किए गए विवादास्पद फैसलों की एक शृंखला से नाराज थे.


महंत से कई लोग थे नाराज
एक संत ने कहा कि यह संभव नहीं है कि उनकी मृत्यु के पीछे सिर्फ एक या दो लोग हों. कई ऐसे हैं, जो 2016 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख के रूप में पदभार संभालने के बाद से उनके द्वारा लिए गए फैसलों से परेशान थे.



2017 में, नरेंद्र गिरि नकली तपस्वियों की एक सूची के साथ सामने आए थे, जिससे कई लोग नाराज थे.


पाखंडी बाबाओं की जारी की थी सूची
तब उन्होंने कहा था, 'ऐसे पाखंडी बाबाओं को जेल में डाल देना चाहिए. उनकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए.' इस मामले ने पूरे देश में साधु समुदाय के भीतर आक्रोश तेज कर दिया था. उन्होंने दो महीने बाद दिसंबर में और नकली साधुओं के नाम के साथ एक और सूची की घोषणा की थी.


हत्या के मामले में लगा था आरोप
2019 में, नरेंद्र गिरि पर एक संपत्ति विवाद को लेकर दरियागंज (इलाहाबाद) में पंचायती अखाड़े के सचिव आशीष गिरि की हत्या के मामले में आरोप लगाया गया था. आशीष रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया और बाद में पुलिस जांच में नरेंद्र गिरि को क्लीन चिट दे दी गई. 


यह भी पढ़िएः महंत मौत मामले में एसआईटी गठित, आज होगा नरेंद्र गिरी का पोस्टमॉर्टम


नरेंद्र गिरि ने कुंभ 2021 के दौरान संतों के एक वर्ग को भी नाराज कर दिया था, जब उन्होंने उत्सव में पहली बार पेश किए गए ट्रांसजेंडर अखाड़े को एबीएपी मान्यता देने से इनकार कर दिया था.


बाघंबरी मठ के एक शिष्य ने कहा कि गिरि के कई लोगों के साथ कई मतभेद थे. ब्लैकमेल सिद्धांत की अवहेलना नहीं की जा सकती. आनंद गिरि के अलावा, इसके पीछे कई प्रभावशाली लोग हैं, जिनकी जांच की जरूरत है.


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