नई दिल्ली: महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेता बालासाहेब थोराट ने मंगलवार को विधायक दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी. कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले के साथ उनके कथित मनमुटाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा उनका पत्र एक दिन पहले ही सामने आया था.


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बालासाहेब थोराट ने क्यों दिया अध्यक्ष पद से इस्तीफा?
सूत्रों ने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को थोराट ने अपना इस्तीफा भेजा है. कांग्रेस नेता सत्यजीत ताम्बे के मामा हैं, जिन्होंने हाल ही में नासिक डिवीजन स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधान परिषद चुनाव जीता था.


थोराट का कांग्रेस को बेहद वफादार माना जाता है. इससे पहले उन्होंने कई प्रमुख मंत्री पदों को संभालने के अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सेवाएं दी हैं.


करीबी ने बालासाहेब थोराट को लेकर कही ये बात
बालासाहेब थोराट के एक करीबी ने बताया कि कांग्रेस नेता ने पार्टी आलाकमान को पत्र लिखकर पटोले से 'गुस्सा' होने के चलते उनके साथ काम करने में असमर्थता जतायी. थोराट ने कहा कि कोई भी फैसला करने से पहले उनसे विचार-विमर्श नहीं किया जाता.


महाराष्ट्र में बालासाहेब थोराट का काफी वर्चस्व है, प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने में उनका काफी बड़ा योगदान रहा है. विधानसभा में निर्वाचित होकर बाला साहेब थोराट एक-दो बार नहीं बल्कि कुल 8 बार पहुंचे हैं, वो सबसे वरिष्ठ विधायक हैं. सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि दूसरे दलों में भी थोराट को सम्मान दिया जाता है. ऐसे में उनकी नाराजगी कांग्रेस के गले की फांस साबित हो सकती है.


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