नई दिल्ली: कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इन नेताओं ने ठाकरे के साथ मुलाकात ऐसे समय की जब इससे कुछ ही घंटे पहले उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए कहा कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए.


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बागी विधायकों की याचिकाओं पर कोर्ट ने मांगा जवाब


अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधानिकता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर जवाब भी मांगा. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने देर शाम उद्धव ठाकरे से उपनगरीय बांद्रा में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद उनके आवास मातोश्री के बाहर मीडिया से कहा, 'हम गठबंधन के भागीदार हैं. हम एकसाथ बैठकर चीजों पर चर्चा करेंगे.'


कांग्रेस मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी ठाकरे से मुलाकात की. महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस का सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी गठबंधन एक राजनीतिक संकट से जूझ रहा है.


यह संकट पिछले सप्ताह शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे के गुजरात के सूरत और वहां से शिवसेना के कई विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी जाने के बाद सामने आया है. गुजरात और असम, दोनों ही राज्यों में भाजपा का शासन है. राकांपा नेता दिलीप वलसे पाटिल और जयंत पाटिल ने भी सोमवार को ठाकरे से मुलाकात की. 


महाराष्ट्र संकट पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बातें


महाराष्ट्र का सियासी घमासान गुवाहाटी से चौपाटी तक चल रहा था, इस बीच इससे जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें उद्धव ठाकरे गुट को पहला झटका लगा. आपको सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बड़ी बातें बताते हैं.


शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के मामले में डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर रोक लगा दी गई है. बागी विधायकों को नोटिस का जवाब देने की समय सीमा आज ही खत्म हो रही थी, लेकिन अब वो 11 जुलाई की शाम साढ़े पांच बजे तक जवाब दे सकेंगे.


अदालत ने साफ कर दिया है कि सरकार बागी विधायकों और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करे. कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर, महाराष्ट्र सरकार, महाराष्ट्र पुलिस और केंद्र समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी किया, 5 दिन में इस नोटिस का जवाब देना होगा. अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.


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