महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर कसा शिकंजा, 4 दिन की हिरासत
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में छह नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. NCP नेता और राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर प्रवर्तन निदेशालय ने शिकंजा कस लिया है.
4 दिन की हिरासत में भेजे गए अनिल देशमुख
विशेष अवकाशकालीन अदालत (स्पेशल हॉलिडे कोर्ट) ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में छह नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है.
विशेष न्यायाधीश पी. बी. जाधव ने ईडी के वकील, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह की 14 दिनों की हिरासत की मांग को खारिज कर दिया, जिसका बचाव पक्ष के वकीलों, वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी और अधिवक्ता अनिकेत निकम ने कड़ा विरोध किया.
चौधरी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और बॉम्बे उच्च न्यायालय के समक्ष ईडी ने कहा था कि देशमुख मामले में आरोपी नहीं, बल्कि केवल एक संदिग्ध हैं. उन्होंने गिरफ्तारी को भी अवैध करार दिया.
उन्होंने कहा कि यही वजह थी कि देशमुख एक नवंबर को स्वेच्छा से ईडी कार्यालय गए और 13 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
अनिल देशमुख और ED के वकीलों के बीच तीखी बहस
बचाव पक्ष ने जानना चाहा कि ईडी ने शुक्रवार (29 अक्टूबर) से पिछले चार दिनों में कौन से नए सबूत जुटाए हैं, जिससे गिरफ्तारी हुई है, खासकर जब देशमुख ने हमेशा से ही एजेंसी के साथ सहयोग किया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को देशमुख के खिलाफ ईडी के समन को रद्द करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. देशमुख ने कहा था कि उनका मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है.
निकम ने कहा कि देशमुख के एक आवेदन के बाद, विशेष न्यायाधीश जाधव ने ईडी की पूछताछ के दौरान उन्हें घर के खाने और दवाओं तथा एक वकील की उपस्थिति की अनुमति दी. न्यायाधीश ने उनकी 72 वर्ष की आयु और हृदय की समस्याओं जैसे कई स्वास्थ्य मुद्दों को देखते हुए यह अनुमति प्रदान की.
ईडी ने देशमुख के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर अपना मामला दर्ज किया था, जब मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने आरोप लगाया था कि मंत्री ने बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे और अन्य को मुंबई के होटल व्यवसायियों से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का काम सौंपा था.
ईडी के सामने पेश होने से पहले एक वीडियो-बयान में, देशमुख ने यह जानने की मांग की थी कि झूठे आरोप लगाने वाले सिंह अब आखिर कहां हैं और अब वे क्यों गायब हो गए हैं. उन्होंने कुछ रिपोर्टो का हवाला देते हुए कहा था कि हो सकता है कि वह भारत से बाहर चले गए हैं.
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मार्च में सिंह के पत्र के बाद, ईडी और सीबीआई ने देशमुख और उनके परिवार से जुड़े परिसरों पर कई छापे मारे थे और ईडी ने उनकी ओर से सहयोग नहीं किए जाने का हवाला देते हुए उनकी 14 दिनों की हिरासत मांगी थी.
देशमुख ने ईडी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जब भी उन्हें बुलाया गया है, उन्होंने उन्हें जवाब दिया है और दस्तावेज आदि भी उपलब्ध कराए हैं. उन्होंने कहा था कि मामला अदालत में है और वह अपनी विभिन्न अदालती अपीलों के परिणाम के बाद पेश होंगे.
देशमुख ने आरोप लगाया है कि उन पर स्पष्ट रूप से झूठे आरोप लगाए गए हैं, जो कि पूरी तरह से निराधार हैं.
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