सत्ता का अग्निपथ: एकनाथ शिंदे, उद्धव, पवार और बीजेपी के पास क्या-क्या रास्ते बचे हैं? सब कुछ लगा दांव पर
बगावती तेवर अख्तियार कर चुके एकनाथ शिंदे के सामने एक विकल्प अपनी अलग पार्टी बनाने का है. महाराष्ट्र में कल क्या होगा ये कोई नहीं जानता, लेकिन किसके पास क्या विकल्प है ये आपको हम बता देते हैं.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के सियासी खेला में बीजेपी फिलहाल वेट एंड वॉच वाली मुद्रा में है. लेकिन, बीजेपी विकल्पों पर विचार जरूर कर रही है. सिर्फ भाजपा ही नहीं, बल्कि उद्धव ठाकरे और उनकी शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी, कांग्रेस और खास कर एकनाथ शिंदे के पास क्या-क्या विकल्प हैं आपको समझाते हैं.
एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच आमने सामने की जंग
महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा अपने चरम पर है. एकनाथ शिंदे हिंदुत्व की उछाल वाली पिच पर बॉलिंग करते हुए उद्धव सरकार को आउट करने की जुगत भिड़ा रहे हैं, तो वहीं उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी में टूट को रोकने की कोशिश करने के साथ एकनाथ को सबक सिखाने से भी गुरेज नहीं कर रहे.
सूत्रों का कहना है कि एकनाथ शिंदे ने शर्त रखी है कि शिवसेना, कांग्रेस-NCP के साथ गठबंधन तोड़ दे, तो वहीं उद्धव ठाकरे ने शिंदे को विधायक दल के नेता पद से ही हटा दिया.
सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे ने शर्ती रखी कि शिवसेना बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाए, तो जवाब में शिवसेना ने शिंदे की जगह अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बना दिया.
एकनाथ शिंदे के पास क्या-क्या विकल्प मौजूद?
एकनाथ शिंदे का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा, इसे लेकर वो खुद कनफ्यूज होंगे. लेकिन विकल्प पर वो भी विचार जरूर कर रहे होंगे. हम आपको समझा देते हैं कि एकनाथ शिंदे के पास फिलहाल क्या क्या विकल्प मौजूद हैं.
सबसे पहले विकल्प का जिक्र करें तो एकनाथ शिंदे के पास अपनी पार्टी बनाने का विकल्प है. समर्थन करने वाले विधायकों के साथ एक स्वतंत्र पार्टी बनाने के लिए वो कदम उठा सकते हैं.
दूसरे विकल्प की बात की जाए तो स्वतंत्र पार्टी बनाकर और भाजपा को बाहर से समर्थन देकर सत्ता स्थापित करने का प्रयास किया जा सकता है.
तीसरा विकल्प है कि एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायक के साथ भाजपा से विलय करके फिर राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं.
उद्धव ठाकरे, शरद पवार और बीजेपी के पास क्या-क्या रास्ता?
महाराष्ट्र गंभीर सियासी संकट से जूझ रहा है. आपको बताते हैं कि इस सियासी संकट से बाहर निकलने के लिए किस पार्टी और किस नेता के पास क्या विकल्प हैं.
एकनाथ शिंदे के समर्थन से BJP की सरकार
एक विकल्प ये है कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के समर्थन से BJP की सरकार बने.
एकनाथ शिंदे को मना ले शिवसेना
एक विकल्प ये भी हो सकता है कि एकनाथ शिंदे को शिवसेना मना ले.
शिंदे पार्टी से बर्खास्त, बागी विधायक लौट आएं
एक विकल्प ये है कि एकनाथ शिंदे को शिवसेना से बर्खास्त कर दिया जाए और बागी विधायक वापस पार्टी में लौट आएं. ऐसी सूरत में अघाड़ी सरकार चलती रहेगी.
बीजेपी के साथ सरकार बना लें उद्धव ठाकरे
अगला विकल्प ये है कि उद्धव एकनाथ शिंदे की बात मान लें और बीजेपी के साथ सरकार बना लें. हालांकि इसकी संभावना अब कम नजर आ रही है क्योंकि आज उद्धव ने सोनिया और शरद पवार की जबर्दस्त तारीफ की है.
फ्लोर टेस्ट में अघाड़ी गठबंधन की हार
एक विकल्प ये है कि फ्लोर टेस्ट में फैसला हो. मौजूदा हालात को देखते हुए इस बात की संभावना ज्यादा है कि फ्लोर टेस्ट में अघाड़ी गठबंधन की हार हो जाए जिससे नई सरकार का रास्ता साफ हो.
महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए बीजेपी के पास ये विकल्प है कि उसके पास जो 106 विधायक हैं. वो चाहे तो शिवसेना और दूसरे दलों के बागी विधायकों के साथ मिलकर सरकार बना सकती है.
वहीं शिवसेना विधानसभा स्पीकर के पास जाकर बागी विधायकों को दल-बदल कानून के तहत 'अयोग्य' करार देने की मांग कर सकती है. हालांकि, एक राजनीतिक दल को किसी अन्य राजनीतिक दल में विलय करने की अनुमति है. शर्त इतनी है कि उस दल के न्यनूतम दो तिहाई जनप्रतिनिधि विलय के पक्ष में हो. ऐसे परिस्थिति में शिवसेना का ये विकल्प कारगर साबित नहीं हो पाएगा.
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