मणिपुर हिंसा की जद में आया केंद्रीय मंत्री का घर, उपद्रवियों पूरा बंगला फूंक डाला, देखें वीडियो
आरके रंजन सिंह मैती समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. वह हिंसा के दौरान लगातार दोनों पक्षों से शांति कायम करने की अपील कर रहे थे. सिंह ने कहा है- आंख के बदले आंख की भावना पूरी दुनिया को अंधा बना देगी. हिंसा से कोई हल नहीं निकलता है. जो भी लोग हिंसा कर रहे हैं वो पूरे देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ये यह भी दिखाता है कि वो पूरी मानवता के दुश्मन हैं.
नई दिल्ली. मणिपुर हिंसा में बृहस्पतिवार रात को एक बड़ी घटना सामने आई है. अब उपद्रवियों केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह का घर फूंक डाला है. मंत्री के बंगले पर यह घटना उस वक्त हुई जब वह केरल में थे. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में आरके रंजन ने कहा है-बीती रात जो हुआ वह बेहद दुखद है. मुझे बताया गया कि 50 से ज्यादा उपद्रवियों ने रात दस बजे मेरे घर पर हमला किया. मेरे घर के ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर को नुकसान पहुंचाया है. उस वक्त घर पर न तो मैं और न ही मेरे परिवार का कोई मौजूद नहीं था. सौभाग्य से इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ है.
शांति बनाने की अपील करते रहे हैं आरके रंजन
बता दें कि आरके रंजन सिंह मैती समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. वह हिंसा के दौरान लगातार दोनों पक्षों से शांति कायम करने की अपील कर रहे थे. सिंह ने कहा है- आंख के बदले आंख की भावना पूरी दुनिया को अंधा बना देगी. हिंसा से कोई हल नहीं निकलता है. जो भी लोग हिंसा कर रहे हैं वो पूरे देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ये यह भी दिखाता है कि वो पूरी मानवता के दुश्मन हैं.
इंटरनेट पर बैन बढ़ा
बता दें कि 14 जून को पूर्वी इंफाल में हिंसा में 14 लोगों की मौत हो गई थी और 10 से ज्यादा घायल हो गए थे. इसी के मद्देनजर बृहस्पतिवार को राज्य सरकार ने इंटरनेट पर बैन आगामी 20 जून तक बढ़ा दिया है.
एक अन्य मंत्री का घर जलाने की कोशिश
बुधवार को उपद्रवियों ने मणिपुर सरकार में मंत्री नेमचा किपगेन का घर जलाने की कोशिश की थी. उनके घर के कुछ हिस्से जल भी गए थे. दरअसल बीते डेढ़ महीने से राज्य में कई चीजों पर प्रतिबंध लगाया गया है जिनमें इंटरनेट भी शामिल है. 29 मई को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की चार दिवसीय यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह समेत सभी दलों, सिविल सोसायटी, महिला समूहों, आदिवासी समूहों और सुरक्षा अधिकारियों से बातचीत की थी.
3 मई को हुई हिंसा की शुरुआत
मणिपुर में हिंसा की शुरुआत बीती 3 मई को हुई थी. दरअसल उस दिन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) ने मैती समुदाय को आदिवासी दर्जा दिए जाने के पक्ष में रैली की थी. इसके बाद शुरू हुई हिंसा लगातार जारी है. हिंसा को रोकने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों को राज्य में तैनात किया गया है.
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