नई दिल्लीः Manipur Violence: मणिपुर में फिर से हिंसा की आग सुलग गई. न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने गुरुवार को सूत्रों के हवाले से बताया कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में दो पत्रकार, दो नाबालिग और दो महिलाओं सहित कम से कम 27 गैर-आदिवासी व्यक्ति लापता हैं. 


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17 साल से ऊपर के लोग हैं लापता
स्थानीय मीडिया के दो लापता पत्रकार एटम समरेंद्र सिंह (47) और युमखैबम किरणकुमार सिंह (48) हैं. 27 लोगों में से कुछ मई से, कुछ जून से और शेष जुलाई से लापता हैं और वे इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, टेंग्नौपाल, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, थौबल और काकचिंग जिलों के रहने वाले हैं. विभिन्न थानों में गुमशुदगी के मामले दर्ज कराए गए हैं. लापता लोगों की उम्र 17 साल से 47 साल के बीच है.


उग्रवादियों के साथ गोलीबारी में दो सुरक्षाकर्मी घायल
वहीं बिष्णुपुर जिले में उग्रवादियों के साथ गोलीबारी में सेना के एक जवान समेत दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि राजधानी इंफाल से करीब 50 किमी दूर फौबाकचाओ इखाई इलाके में बृहस्पतिवार को सुबह गोलीबारी शुरू हुई और विद्रोहियों के भागने तक देर रात लगभग 15 घंटे गोलीबारी का दौर जारी रहा. गोलीबारी के दौरान तेरा खोंगसांगबी के पास एक मकान में आग लगा दी गई. 


भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने किया हस्तक्षेप
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों में हो रही गोलीबारी के बीच भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा. मणिपुर पुलिस के घायल कमांडो की पहचान नामीराकपम इबोम्चा (40) के रूप में हुई है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोर्टार फटने की वजह से इबोम्चा के दाहिने पैर और दाहिने कान में छर्रे लगे हैं. 


उन्होंने बताया कि सेना का जवान कुमाऊं रेजिमेंट का है, लेकिन अभी तक उसकी पहचान नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा, ‘वहां उड़ रहे ड्रोन में उग्रवादियों की अपने कुछ साथियों को ले जाते हुए कुछ तस्वीरें आई हैं. यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कार्रवाई में वे घायल हुए या मारे गए.’ 


हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 160 से ज्यादा की मौत
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं. राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.


अगस्त में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करेगी सरकार
मणिपुर सरकार ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वह अगस्त के दूसरे या तीसरे सप्ताह में विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करेगी. सरकारी प्रवक्ता तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सपाम राजन ने बताया कि सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है. विभिन्न वर्गों से राज्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाये जाने की मांग उठ रही है. 


राजन ने इन खबरों का भी खंडन किया कि राज्य सरकार ने भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे के इलाज की परवाह नहीं की. वह मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के प्रारंभिक दिनों में हमले में घायल हो गये थे.


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