नई दिल्ली: Manish Sisodia Bail: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उन्हें दिल्ली शराब नीति मामले में अदालत से जमानत मिल गई है. सिसोदिया को 10 लाख के बेल बॉन्ड और दो श्योरिटी सबमिट करनी होंगी. इसके बाद वे जेल रिहा कर दिए जाएंगे. मनीष सिसोदिया बीते 18 महीनों से जेल में बंद हैं.


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सुप्रीम कोर्ट- बेल रुल है, जेल अपवाद है
AAP ने मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि वे अपना पासपोर्ट जमा कर दें. बाहर जाकर गवाहों को प्रभावित न करें, उन पर किसी तरह का असर न डालें. अदालत ने कहा कि बेल रुल है, जेल अपवाद है. कोर्ट ने कहा कि ये रूल निचली अदालतों को भी याद रखना चाहिए. हाई कोर्ट और निचली अदालतों ने इन तथ्यों की अनदेखी की.


कोर्ट ने कहा- ASG के बयान विरोधाभासी
सुप्रीम कोर्ट ने खा है कि ट्रायल पूरा होने को लेकर ASG के बयान विरोधाभासी हैं. मनीष सिसोदिया को 18 महीने जेल में रखा गया. उनका ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ. सिसोदिया के स्पीडी ट्रायल राईट का हनन हुआ. 


6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था
सिसोदिया की जमानत पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने फैसला सुनाया. सिसोदिया की जमानत याचिका पर कोर्ट ने 6 अगस्त को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था.


फरवरी 2023 में हिरासत में लिए गए सिसोदिया
गौरतलब है कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया शराब घोटाला केस में 26 फरवरी, 2023 से हिरासत में हैं. इससे पहले 21 मई, 2024 को दिल्ली के हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने से मना कर दिया था. हाई कोर्ट ने कहा तब-सिसोदिया ने पद का दुरुपयोग किया, बाहर जाने के बाद सबूत और गवाहों पर प्रभाव डाल सकते हैं. इसलिए उन्हें तब जमानत नहीं मिली थी.


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