नई दिल्ली: Vinesh Phogat and Harish Salve: पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट कुश्ती का फाइनल मुकाबला नहीं खेल पाईं. उन्हें 100-150 ग्राम वजन अधिक होने के चलते अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इसके बाद यह मामला खेल पंचाट न्यायालय (Court of Arbitration for Sports- CAS) में चला गया है. यहां देखना होगा कि भारत को सिल्वर मेडल मिलता है या नहीं. विनेश फोगाट की ओर से इस कोर्ट में हरीश साल्वे पक्ष रखेंगे. आइए, जानते हैं कि हरीश साल्वे कौन हैं?
विनेश फोगाट ने 2 अपील की, 1 खारिज हुई
पहले तो ये जान लें कि विनेश फोगाट ने दो मामलों में अयोग्यता के खिलाफ अपील की थी. पहला अपील- विनेश फोगाट का वजन फिर तोला जाए. कोर्ट ने ये अपील खारिज कर दी और समय पर मैच हुआ. दूसरी अपील- विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिया जाए, क्योंकि पहले हुए मुकाबले में उनका वजन सही था. CAS ने इस अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार किया.
हरीश साल्वे कौन हैं (Who is Harish Salve)
हरीश साल्वे भारत के सबसे महंगे वकीलों में से एक हैं. उनका करीब 50 साल का वकालत का करियर है. अपने करियर में उन्होंने कई कॉरपोरेट घरानों कोर्ट में पक्ष रखा है. लीगली इंडिया डॉट कॉम के मुताबिक, साल 2015 में हरीश साल्वे कोर्ट में एक सुनवाई के 6 से 15 लाख रुपये लिया करते थे. अब उनकी फीस और भी बढ़ गई होगी.
पाकिस्तान के छुड़ा दिए थे पसीने
हरीश साल्वे ने ही भारत की तरफ से कुलभूषण जाधव का मुकदमा लड़ा था. पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गए इस मुकदमे के लिए हरीश साल्वे ने लाखों की फीस न लेकर मात्र 1 रुपया लिया था. उनकी दलीलों से इंटरनेशनल कोर्ट में पाकिस्तान को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. हरीश साल्वे ने अपने करियर के दौरान टाटा, अंबानी और महिंद्रा जैसे बड़े बड़े कॉरपोरेट घरानों का कोर्ट में प्रतिनिधित्व किया है.
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