जालना. महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया. बीड शहर में एनसीपी के दफ्तर को आग लगा दी गई. इसके बाद एनसीपी विधायक संदीप क्षीरसागर और राज्य के पूर्व मंत्री जय क्षीरसागर के घर को आग लगा दी गई. आगजनी और हिंसा की खबरों के मद्देनजर शिवबा संगठन के अध्यक्ष मनोज जारांगे-पाटिल ने सोमवार को अपने समर्थकों को किसी भी हिंसक विरोध-प्रदर्शन से बचने की चेतावनी देते हुए इसमें सरकार का हाथ होने की आशंका जाहिर की है.


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उन्होंने कहा-मैं राज्य पर करीब से नजर रख रहा हूं. अगर मैंने हिंसा, पथराव या आगजनी की एक भी घटना सुनी तो कल मैं एक अलग रणनीति की घोषणा करूंगा. सत्तारूढ़ दल के कुछ नेता हमारे आंदोलन को बदनाम करने के लिए खुद ऐसी हिंसक गतिविधियों में लिप्त हैं. इस पर मंत्री उदय सामंत ने पलवार किया और कहा कि कोई अपने ही घर में आग क्‍यों लगाएगा.



प्रदर्शनकारी लगा रहे हैं नारे
बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने हिंसा करने से पहले 'हमें कोटा दो', 'एक मराठा, लाख मराठा' जैसे नारे लगाए. इस बीच विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने राज्यपाल रमेश बैस से मराठा आरक्षण के ज्वलंत मुद्दे और राज्य की अन्य समस्याओं पर चर्चा के लिए विधानमंडल का विशेष सत्र तत्काल बुलाने का आग्रह किया.


एमवीए ने कई मुद्दों पर सौंपा ज्ञापन
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-सपा, शिवसेना-यूबीटी और अन्य पार्टियों के शीर्ष नेताओं के साथ प्रतिनिधिमंडल ने सूखे की स्थिति, किसानों की आत्महत्या, नशीली दवाओं के बढ़ते खतरे और राज्य में लड़कियों/महिलाओं के लापता होने जैसे अन्य मुद्दों पर राज्यपाल को विस्तृत ज्ञापन सौंपा.


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