लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन के बाद सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसक प्रदर्शन में डेढ़ दर्जन लोगों की मौत भी हो गई थी.  बसपा की मुखिया मायावती ने प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की निंदा करने के साथ ही प्रदेश सरकार से निर्दोष लोगों को छोड़ने की मांग की.


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जांच करके निर्दोष लोगों को छोड़े सरकार



बसपा मुखिया ने ट्वीट किया है कि उत्तर प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन के बाद कुछ निर्दोष लोग भी पुलिस की कार्रवाई की जद में आ गए हैं. इनको प्रदेश सरकार को छोड़ देना चाहिए. मायावती का कहना है कि बिजनौर में जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें से निर्दोषों को छोड़ा जाना चाहिए. पुलिस की कार्रवाई में कई बार निर्दोष लोग भी फंस जाते हैं.


UP में 31 जनवरी तक लागू रहेगी धारा 144


शुक्रवार को यूपी के 20 जिलों में उग्र विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान 7 शहरों में 14 लोगों की मौत हो गई थी. हिंसाग्रस्त व संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. पूरे प्रदेश में 31 जनवरी 2020 तक धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस हिंसाग्रस्त इलाकों में गश्त कर लोगों से शांति की अपील कर रही है.



टीईटी की परीक्षा स्थगित


यूपी में उग्र हिंसा के चलते शनिवार को प्रस्तावित पॉलीटेक्निक की विशेष बैक परीक्षा भी स्थगित कर दी गयी है. प्रविधिक शिक्षा परिषद के सचिव संजीव सिंह ने बताया कि जल्द ही इसकी तिथि जारी कर सूचित कर दिया जाएगा. इससे पहले शुक्रवार की भी परीक्षा स्थगित कर दी गई थी. वहीं, स्कूल कॉलेजों में भी छुट्टी है। यूपी टीईटी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई है.


दंगाइयों पर रासुका लगाने की तैयारी में योगी सरकार



यूपी सरकार ने हिंसा के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान के आकलन के लिए चार सदस्यीय कमिटी बनाई है. लखनऊ में हुई हिंसा में शामिल 250 उपद्रवियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने की तैयारी है. 13 हजार से ज्यादा संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यूपी में हुई हिंसा से हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति जब्त कर की जाएगी.


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