नई दिल्ली: राष्ट्र के नाम संदेश में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का लक्ष्य देश के सामने रखा है. पीएम ने कोरोना काल में देश को मजबूत करने के लिए भारत के इतिहास के सबसे बड़े विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया. आपको पीएम मोदी के संबोधन की हर बड़ी बातों से रूबरू करवाते हैं.


आत्मनिर्भर भारत के लिए PM की 10 बड़ी बातें


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1)- अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम ने कहा कि "कोरोना से मुकाबला करते हुए अब 4 महीने से ज्यादा समय बीत गया है. तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है. भारत में भी अनेक परिवारों ने अपने स्वजन खोये हैं. मैं सभी के प्रति संवेदन व्यक्त करता हूं."


"साथियों एक वायरस ने दुनिया को तहस नहस कर दिया. विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं. सारी दुनिया जिंदगी बचाने में एक प्रकार से जंग में जुटी है. हमने ऐसा संकट ना देखा है ना सुना है. निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए ये सबकुछ अकल्पनीय है."


2)- उन्होंने संकल्प को और मजबूत करने की सलाह देते हुए बोला कि "थकना हारना, टूटना बिखरना मानव को मंजूर नहीं है. सतर्क रहते हुए ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है. आज जब दुनिया संकट में है तब हमें अपना संकल्प और मजबूत करना है. हमारा संकल्प इस संकट से ही विराट होगा."


3)- नरेंद्र मोदी ने कहा कि "21वीं सदी भारत की हो, ये हम सबका सपना ही नहीं जिम्मेदारी भी है. लेकिन इसका मार्ग एक ही है. आत्मनिर्भर भारत"


"एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं. इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है."


4)- पीएम ने बोला, "जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी. एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था. आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं. आपदा को अवसर में बदलने की भारत की ये दृष्टि भारत के आत्मनिर्भर होने के लिए उतनी ही प्रभावी होने वाली है. अर्थकेंद्रीय वैश्विकरण बनाम मानव केंद्रीय वैश्विकरण आज जोरों पर है."


"ये हम इसलिए कर पाएं क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया. आपदा को अवसर में बदलने की भारत की ये दृष्टि आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए उतनी की प्रभावी सिद्ध होने वाली है."


5)- प्रधानमंत्री मोदी ने बोला, "भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता. भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है."


"भारत की संस्कृति और भारत के संस्कार उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसका मंत्र वासुधैव कुटुम्बकम है. जो पृथ्वी को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है. भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है."


6)- पीएम ने कहा कि "दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है. सवाल यह है - कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प"


'हमारा सदियों का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है. भारत जब समृद्ध था तब सोने की चिड़िया कहा जाता था. सम्पन्न था तब सदा विश्व के कल्याण की राह पर ही चला.'


7)- साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए 'वोकल' बनना है, न सिर्फ लोकल Products खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है. मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है.


8)- नरेंद्र मोदी ने कहा कि "आत्मनिर्भरता हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है. 21वीं सदी, भारत की सदी बनाने का हमारा दायित्व, आत्मनिर्भर भारत के प्रण से ही पूरा होगा. इस दायित्व को 130 करोड़ देशवासियों की प्राणशक्ति से ही ऊर्जा मिलेगी."


9)- प्रधानमंत्री ने बोला, "आत्मनिर्भर भारत का ये युग, हर भारतवासी के लिए नूतन प्रण भी होगा, नूतन पर्व भी होगा. अब एक नई प्राणशक्ति, नई संकल्पशक्ति के साथ हमें आगे बढ़ना है."


10)- PM मोदी ने कहा कि "आत्मनिर्भरता,आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है. आत्मनिर्भरता, ग्लोबल सप्लाई चेन में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देश को तैयार करती है."


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