भोपाल. मध्य प्रदेश के हरदा जिले की पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके चर्चा राज्य विधानसभा में भी हुई. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विस्फोट के बाद के पहले वीडियो को देखकर ऐसे लग रहा था जैसे कि कोई परमाणु बम फूट गया हो. विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने हरदा पटाखा विस्फोट मामले पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव लाया. इस प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वीकार करते हुए चर्चा कराने का फैसला किया.


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चर्चा की शुरुआत रामनिवास रावत ने की
इस चर्चा की शुरुआत कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत की तरफ से की गई. उन्होंने कहा कि हरदा विस्फोट इतना भयावह था कि 12 लोगों की मृत्यु हो गई, 60 घर तबाह हो गए, सड़कों पर लाश बिछी हुई थी, सड़कों पर मानव अंग पड़े थे. ऐसे धमाके इशारे करते हैं कि ये सामान्य सुतली बम नहीं हो सकते क्योंकि सुतली बम से इतना बड़ा विस्फोट नहीं हो सकता. वहां सुतली बम से हटकर जिलेटिन बनाने का काम भी किया जा रहा होगा.


रावत के मुताबिक जिस समय विस्फोट हुआ, उस समय कितने मजदूर वहां काम कर रहे थे, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई. रावत ने प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठाए. इस घटनाक्रम की न्यायिक जांच की मांग की. वहीं हरदा से कांग्रेसी विधायक रामकिशोर दोगने ने आरोप लगाया कि यह फैक्ट्री 15 से 20 साल से चल रही है, इसमें 600 से 700 लोग काम करते हैं.


क्या बोले सीएम 
इसके बाद सीएम मोहन यादव ने घटना की भयावहता का जिक्र करते हुए कहा कि जिस समय कैबिनेट की बैठक चल रही थी, उसी दौरान विस्फोट की जानकारी मिली. हमने बैठक को रोककर एक टीम बनाई और मंत्री उदय प्रताप सिंह को रवाना किया, जिस समय घटना हुई थी, उस समय अंदाजा नहीं लगा सकते थे, लेकिन वीडियो देखने के बाद अंदाजा हो गया था. भीषण घटना है, शब्दों में इस घटना को बताना भी मुश्किल है, कुछ भी हो सकता था. भयावहता के आधार पर हमने तुरंत निर्णय लिया और इमरजेंसी बैठक भी बुलाई. घटना की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री को भी इसके बारे में बताया और उनसे एनडीआरएफ की टीम भेजने का आग्रह किया.


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