नई दिल्लीः इस साल सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई-21) में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के लिए चुने गए कुल 180 प्रत्याशियों में से 24 अकेले राजस्थान से हैं. इसके साथ ही राजस्थान ने लोक सेवकों के मामले में उत्तर प्रदेश को पछाड़कर शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस परीक्षा में राज्य के बेहतर प्रदर्शन की वजह उत्कृष्ट कोचिंग संस्थानों और युवाओं के बीच इस परीक्षा को लेकर बढ़ती जागरूकता है.


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राजस्थान से कुल इतने छात्र हुए सेलेक्ट
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के गत चार साल के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान ने कुल 84 आईएएस अधिकारी दिए हैं और गत तीन साल से यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. संघीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा वर्ष 2019 में आयोजित परीक्षा में 16 ऐसे उम्मीदवार चयनित हुए, जो राजस्थान के निवासी थे.


उत्तर प्रदेश को पछाड़ा
सीएसई-2020 की परीक्षा में राजस्थान के 22 उम्मीदवार चुने गए और 2021 में यह संख्या बढ़कर 24 हो गई. सीएसई-2020 की परीक्षा में उत्तर प्रदेश के 30 उम्मीदवारों का चयन बतौर आईएएस अधिकारी हुआ और 22 उम्मीदवारों की इस सेवा में सफलता के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर रहा. 


सीएसई- 2020 की परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 13वें स्थान पर रहे गौरव बुदानिया मौजूदा समय में राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के सहायक कलेक्टर हैं. उन्होंने चयन के कारक के तौर पर इसे लेकर मिली प्रेरणा, यूपीएससी परीक्षा के पैटर्न में बदलाव, अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति समुदाय में जागरूकता और दिल्ली के कोचिंग संस्थानों से राजस्थान का नजदीक होना है.


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 बुदानिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अधिक से अधिक उम्मीदवारों के सीएसई में चुने जाने से भावी उम्मीदवार उनसे प्रेरणा लेने लगे हैं.’’ वर्ष 2020 बैच के आईएएस अधिकारी ने कहा कि राजस्थान में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदाय की कुल करीब 25 प्रतिशत आबादी है और अन्य राज्यों के मुकाबले यहां इन समुदायों में अधिक जागरूकता है, जिसकी वजह से वे अधिक संख्या में परीक्षा में सम्मलित होते हैं.


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