MP Suspended From Parliament: 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा को लेकर हुई बड़ी चूक के बाद संसद में हंगामे शुरू हो गए. इसे देखते हुए, दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के कुल 92 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. हालांकि, मंगलवार को 40 से अधिक विपक्ष के और सांसदों को भी निलंबित कर दिया गया. विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र का मजाक बताया है.


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लोकसभा में विपक्षी INDIA गुट की ताकत मंगलवार को और कम हो गई. 49 सांसदों को गलत व्यवहार और अध्यक्ष के निर्देशों की अवहेलना के लिए निलंबित कर दिया गया है. एक दिन ही संसद के दोनों सदनों से 78 सांसदों को निलंबन की कार्यवाही झेलनी पड़ थी.


निलंबित सांसदों में कांग्रेस के शशि थरूर, मनीष तिवारी और कार्ति चिदंबरम, एनसीपी की सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंधोपाध्याय शामिल हैं. सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा लाया गया था.


कुल 141 सांसदों पर एक्शन
इसके साथ ही संसद से निलंबित सांसदों की कुल संख्या 141 हो गई है. सोमवार को 46 विपक्षी सांसदों को लोकसभा से और 45 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया. अब आज 49 और सांसदों पर एक्शन हुआ. कुल मिलाकर केवल 87 सांसद ही विपक्ष के संसद में रह गए हैं. लोकसभा में विपक्ष के 133 सदस्य हैं और राज्यसभा में 95 सदस्य हैं. लोकसभा से विपक्ष के 94 तो राज्यसभा से 46 सांसद बाहर किया जा चुके हैं.


लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन करने और बिना किसी बहस के सदन के माध्यम से महत्वपूर्ण कानून को पारित करने की कोशिश करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र की आलोचना करते हुए, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सांसदों को निलंबित करके निरंकुश मोदी सरकार द्वारा लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है.


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