नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा हैं कि मुसलमानों की आबादी नहीं बढ़ रही है. बेकार में टेंशन में मत डालो, नहीं बढ़ रही है. आबादी गिर रही है हमारी. दो बच्चे पैदा करने के बीच सबसे ज्यादा अंतर मुसलमान रख रहे हैं. 'सबसे ज्यादा कंडोम कौन इस्तेमाल कर रहा? हम इस्तेमाल कर रहे. मोहन भागवत इसपर नहीं बोलेंगे.'


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ओवैसी ने कहा कि देश की प्रजनन दर दो फीसदी पर आ गई है. मुसलमानों की प्रजजन दर सबसे ज्यादा गिरी है.  


ओवैसी ने यूपी में मदरसों के सर्वे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे लोग कहां हैं जो मेरे यूपी में चुनाव लड़ने का विरोध कर रहे थे, वे मदरसों और वक्फ बोर्ड के सर्वे पर कुछ नहीं बोलेंगे. 


क्यों दिया ये बयान
असदुद्दीन ओवैसी भारत में धार्मिक असंतुलन पर यह प्रतिक्रिया दी है. दरअसल, विजयदशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भाषण में जनसंख्या का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि जनसंख्या असंतुलन के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.


मोहन भागवत ने क्या कहा था?
भागवत ने कहा था, '75 वर्ष पूर्व हमने इसका अनुभव किया ही है और 21वीं सदी में जिन तीन नए स्वतंत्र देशों का अस्तित्व विश्व में हुआ, ईस्ट तिमोर, दक्षिणी सुडान और कोसोवा, वे इंडोनेशिया, सुडान और सर्बिया के एक भूभाग में जनसंख्या बिगड़ने का ही परिणाम है.' जब-जब किसी देश में जनसांख्यिकी असंतुलन होता है तब-तब उस देश की मौगोलिक सीमाओं में भी परिवर्तन आता है. जन्मदर में असमानता के साथ-साथ, लालच, लोभ, जबरदस्ती से चलने वाला मतांतरण व देश में हुई घुसपैठ भी बड़े कारण हैं.'जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ पांथिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी जरूरी मुद्दा है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता.

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