यूपी डीजीपी पद से हटाए गए मुकुल गोयल, शासकीय कार्यों की अवहेलना के बाद हुआ एक्शन
योगी सरकार 2.2 बनने के डेढ़ महीने बाद ही यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल को उनके पद से हटा दिया गया है. मुकुल गोयल पर शासकीय कार्यों की अवहेलना करने के आरोप के बाद एक्शन लिया गया है.
लखनऊः योगी सरकार 2.2 बनने के डेढ़ महीने बाद ही यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल को उनके पद से हटा दिया गया है. मुकुल गोयल पर शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने एवं अकर्मण्यता की वजह से DGP के पद से हटाया गया है. उनका तबादला करके DG नागरिक सुरक्षा बनाया गया है. बता दें कि 1 जुलाई 2021 को 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को यूपी का डीजीपी बनाया गया था. हालांकि 8 महीने बाद ही उनको डीजीपी के पद से हटाकर नागरिक सुरक्षा भेज दिया गया है.
इन अधिकारियों के नाम पर चर्चा तेज
गौरतलब है कि जब तक नए डीजीपी का चयन नहीं हो जाता तब तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को डीजीपी का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. वहीं डीजीपी के हटते ही अब नए डीजीपी के चयन की चर्चा तेज हो गई है. नए DGP की रेस में आर के विश्वकर्मा, जीएल मीना, आरपी सिंह और इंटेलिजेंस के DG डीएस चौहान का नाम शामिल है.
विवादों से रहा है नाता
IPS मुकुल गोयल का विवादों से भी है गहरा नाता रहा है. बात 2000 की है तब मुकुल गोयल सहारनपुर में SSP थे. वहां भाजपा नेता निर्भय पाल शर्मा की हत्या हो गई. इसके बाद मुकुल गोयल को सस्पेंड कर दिया गया था. आरोप लगा था कि निर्भय पाल ने अपनी हत्या की अंदेशा जताते हुए पुलिस से मदद मांगी थी. लेकिन समय पर पुलिस नहीं पहुंची थी.
इसके अलावा साल 2005-06 में कथित पुलिस भर्ती घोटाले में 25 IPS अधिकारियों के नाम सामने आए थे. उन 25 नामों में से मुकुल गोयल भी एक थे.
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