नवाब मलिक और अनिल देशमुख को मिलेगी एक दिन की जमानत? इसलिए खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
राज्य सभा चुनाव को लेकर एक दिन की जमानत के लिए नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है. बता दें, विशेष अदालत ने उन दोनों की अपील को ठुकरा दिया है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र से राज्यसभा की छह सीट के लिए शुक्रवार को होने वाले चुनाव में मतदान के वास्ते एक दिन की जमानत देने से मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा इनकार किये जाने के बाद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को राहत के लिए बम्बई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) का रुख किया.
तत्काल सुनवाई की अपील
देशमुख और मलिक के वकीलों ने न्यायमूर्ति पी डी नाइक की एकल पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के अनुरोध वाली याचिकाएं दाखिल की. दोनों ने अपनी याचिकाओं में अनुरोध किया है कि उन्हें या तो एक दिन की अस्थायी जमानत दी जाए या पुलिस अनुरक्षण में मतदान केंद्र पर वोट डालने की अनुमति दी जाए.
न्यायमूर्ति नाइक ने शुरू में कहा कि मामले की सुनवाई उपयुक्त अदालत को करनी होगी, लेकिन बाद में कहा कि वह शुक्रवार सुबह दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे. राज्य में राज्यसभा की छह सीटों के लिए मतदान दक्षिण मुंबई के विधान भवन में सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच होगा.
मतदान करने के हकदार नहीं हैं कैदी
राज्यसभा के सदस्य विधायकों द्वारा चुने जाते हैं. सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज अपराधों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने के लिए नियुक्त विशेष न्यायाधीश आर एन रोकडे ने देशमुख और मलिक की एक दिन की जमानत के लिए अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि विचाराधीन कैदी जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधानों के तहत राज्यसभा चुनाव में मतदान करने के हकदार नहीं हैं.
आदेश में कहा गया है, 'इसे देखते हुए, आरोपी विधान भवन जाने और द्विवार्षिक चुनावों में मतदान करने की सुविधा प्राप्त करने के अधिकार का दावा नहीं कर सकते हैं.'
देशमुख और मलिक वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे विभिन्न मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के सिलसिले में जेल में बंद हैं. विशेष न्यायाधीश रोकड़े ने अपने आदेश में कहा कि मतदान का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं बल्कि वैधानिक अधिकार है और यह सीमाओं के अधीन है.
अदालत ने क्या कहा? जानिए यहां
अदालत ने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि राष्ट्रपति चुनाव और राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान में अंतर होता है. राष्ट्रपति चुनाव राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 द्वारा शासित होते हैं. उक्त अधिनियम के तहत राष्ट्रपति चुनावों में मतदान करने के लिए विचाराधीन कैदियों को प्रतिबंधित करने के लिए कोई प्रावधान नहीं हैं.
देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 में धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था. मलिक को इस साल फरवरी को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.
महाराष्ट्र से राज्यसभा की छह सीट के लिए होने वाले चुनाव में शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार संजय पवार के निर्वाचन के लिए शिवसेना के नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के लिए हर वोट महत्वपूर्ण है. राकांपा एमवीए की एक घटक है.
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