नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों जो उठापटक चल रही है, उसे देखकर हर कोई इसी सवाल का जवाब तलाश रहा है कि क्या उद्धव ठाकरे अपनी कुर्सी बचा पाएंगे या नहीं. अपनी कुर्सी और सरकार बचाने के लिए ठाकरे एंड कंपनी पूरी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. इसी क्रम में वो कई सियासी दिग्गजों से मुलाकात कर रहे हैं.


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उद्धव और शरद पवार की हुई मुलाकात


शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत से उपजे राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से यहां उनके आवास पर मुलाकात की.


पवार के साथ राकांपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल और उपमुख्यमंत्री अजित पवार बांद्रा इलाके में स्थित ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' पहुंचे. एक दिन पहले, अजित पवार ने कहा था कि उनकी पार्टी शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन को बचाने के लिए हरसंभव कोशिश करेगी.


शरद पवार ने स्पष्ट कर दिया था कि गठबंधन सरकार की किस्मत का फैसला महाराष्ट्र विधानसभा में होगा, न कि गुवाहाटी के किसी होटल में, जहां शिंदे और उनके समर्थक डेरा डाले हुए हैं.


बार-बार बदलते हैं शरद पवार


इस विवाद की शुरुआत में जब एकनाथ शिंदे पहले सूरत पहुंचे फिर 30 से अधिक विधायकों के साथ गुवाहाटी पहुंचे, तब शरद पवार के सुर कुछ और ही थे, वो अलग ही राग अलाप रहे थे. उन्होंने इस विवाद के शुरुआत में कहा था कि ये शिवसेना का अंदरूनी मामला है, उद्धव इससे निपट लेंगे. लेकिन अब शरद पवार के तेवर बदले-बदले से हैं.


बागी विधायक के कार्यालय के बाहर हंगामा


शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पार्टी विधायक मंगेश कुडलकर के कार्यालय के बाहर लगे एक बोर्ड को तोड़ने की कोशिश की. पुलिस ने यह जानकारी दी. कुडलकर महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत करने वाले विधायकों में शामिल हैं. वह शहर के कुर्ला क्षेत्र से विधायक हैं.


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने वाले शिंदे और शिवसेना के कई अन्य विधायक इन दिनों गुवाहाटी में एक होटल में ठहरे हुए हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिवसेना समर्थकों का एक समूह कुर्ला के नेहरूनगर इलाके में कुडलकर के कार्यालय के बाहर जमा हो गया और उनके नाम एवं तस्वीर वाले एक बोर्ड को तोड़ने की कोशिश की.


उन्होंने कहा कि वे विधायक के कार्यालय पर हमला कर पाते, इससे पहले ही वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने हस्तक्षेप किया. इसके बाद शिवसेना कार्यकर्ता तितर-बितर हो गए. मुंबई पुलिस ने शिंदे के विद्रोह के बाद किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर में शिवसेना की शाखाओं सहित कई स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है.


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