नई दिल्लीः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. प्रधानमंत्री मोदी से शरद पवार ने ये मुलाकात संसद भवन परिसर स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में की. दोनों नेताओं के बीच लगभग 20 मिनट तक बातचीत हुई. 


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आमने-सामने हुई मोदी-पवार की मुलाकात
खास बात यह है कि यह मुलाकात आमने-सामने थी. बैठक में कोई अन्य नेता मौजूद नहीं था. राज्य में वर्तमान राजनीतिक स्थिति और सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच चल रही दरार को देखते हुए इस मुलाकात का समय महत्वपूर्ण है.


मुलाकात से राजनीतिक चर्चाओं को मिली हवा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में शिवसेना नेता संजय राउत के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दादर में उनकी अलीबाग की जमीन और फ्लैट को जब्त कर लिया. उसके बाद बुधवार को पवार और मोदी के बीच हुई मुलाकात ने तरह-तरह की राजनीतिक चर्चाओं को हवा दे दी है. 


एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी शरद पवार से मुलाकात की थी. उसके बाद बुधवार को पवार ने सीधे मोदी से मुलाकात की है.


पवार ने महाराष्ट्र के नेताओं के लिए आयोजित किया था रात्रिभोज
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री से मुलाकात से ठीक एक दिन पहले शरद पवार ने अपने आवास पर मंगलवार रात महाराष्ट्र से जुड़े तमाम पार्टियों के नेताओं के लिए रात्रिभोज आयोजित किया था. इस रात्रिभोज में एसीपी, बीजेपी, शिवसेना और कांग्रेस के भी महाराष्ट्र से जुड़े तमाम नेता मौजूद रहे. इस हिसाब से भोज में चारों पार्टियों के विधायक और कुछ चुनिंदा सांसद शामिल हुए.


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सांसद संजय राउत, सुप्रिया सुले, सुनील तटकरे, डॉ. फौजिया खान, विनायक राउत, श्रीनिवास पाटिल, डॉ. अमोल कोल्हे, श्रीकांत शिंदे, ओमराजे निंबालकर आदि. सांसद सामने आए हैं. 


विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल, विधान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोरहे, कृषि मंत्री दादाजी भूसे, रोहित पवार, अदिति तटकरे, सुनील शेल्के, जीशान सिद्धिकी, अनिकेत तटकरे, डॉ. प्रज्ञा सातव और भाजपा विधायक भी मौजूद रहे.


लक्षद्वीप को लेकर हुई बातचीतः पवार


मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि बाद में पवार ने स्‍पष्‍ट किया कि पीएम से उन्‍होंने लक्षद्वीप से जुड़े मुद्दे को लेकर बातचीत की. पवार ने कहा कि लक्षद्वीप को लेकर यह बैठक हुई. उन्‍होंने कहा, 'मेरी पीएम के साथ कुछ मुद्दों पर चर्चा हुई. मैंने पीएम से महाराष्‍ट्र परिषद की पिछले करीब ढाई साल से खाली सीटों को लेकर बातचीत की.'


'राउत पर कार्रवाई की क्या जरूरत थी'


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एनसीपी प्रमुख ने कहा कि शिवसेना सांसद संजय राउत के मामले को लेकर भी बात हुई. उनके साथ अन्याय हुआ है. संजय राउत के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत क्या थी? क्या ऐसा इसलिए किया गया कि वे सरकार के खिलाफ बोलते हैं.


एक अन्‍य सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा, 'यूपीए की जिम्मेदारी लेने को मैं खुद तैयार नही हूं.' महाराष्‍ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार को लेकर कहा कि सरकार चलती रहेगी. महाराष्‍ट्र की सरकार स्थिर है और आने वाले चुनाव हम मिलकर लड़ेंगे. 


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