नई दिल्लीः साल के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों की संख्या कम हो रही है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि लोग लापरवाही बरतें. उन्होंने नए साल में ‘दवाई भी, कड़ाई भी’ का मंत्र देते हुए टीकाकरण के बाद भी सावधानी बरतने का देशवासियों से आग्रह किया.


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इससे पहले भी साल 2020 यानी बीते हुए साल में वे ऐसे कई नारे दे चुके हैं जो लोगों की जुबान पर चढ़ गए. एक नजर ऐसे नारों पर डाल लेते हैं.


हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ'
कोरोना महामारी से लडाई के शुरुआत में मार्च महीने में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को 'हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ' का मंत्र दिया. अपने संदेश के दौरान पीएम मोदी ने जोर देते हुए इस बात को कहा कि इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, इसलिए हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है.


कोरोनाः कोई रोड पर न निकले
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच पीएम मोदी ने मार्च में देश के नाम अपने संबोधन में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया था. इस दौरान उन्होंने राष्ट्र के नाम अपना संबोधन दिया.  इस दौरान उन्होंने कोरोना का मतलब समझाया. उन्होंने कहा कि को-रो-ना का मतलब 'कोई रोड पर न निकले' है.



पीएम मोदी ने कहा कि ये धैर्य और अनुशासन की घड़ी है, जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है, हमें अपना संकल्प निभाना है, अपना वचन निभाना है. 


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आत्मनिर्भर भारत
कोरोना महामारी के मुश्किल दौर में PM नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया. जब विश्व भर की अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो रही थी.ऐसे में भारत भी संकट का सामना कर रहा था. इस संकट से उबारने के लिए PM Modi आगे आए और राष्ट्र के नाम अपने विशेष संबोधन में आत्म निर्भर भारत का संदेश दिया.



इस संदेश का असर हुआ कि छोटे से लेकर बड़े उद्यमियों ने अपनी ताकत पहचानी. शुरुआत में जो PPE किट और Mask हमें दूसरे देशों से आयात कराने पड़े थे, लोगों ने उन्हें घरों में बनाया. DRDO ने कई रक्षा उपकरण बनाए. वेंटिलेटर बनाया. PM Modi के इस नारे ने देश को महामारी के दौर में भी झुकने नहीं दिया. 


‘वोकल फॉर लोकल’
मई 2020 में Corona संकट और इससे उपजने वाले आर्थिक संकट को पहचानते हुए PM Modi ने ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा दिया. प्रधानमंत्री ने कहा- गरीब, श्रमिक, प्रवासी मजदूर हों, मछुआरे हों. हर तबके लिए आर्थिक पैकेज में कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जाएगा.



कोरोना ने हमें लोकल मैन्यूफैक्चरिंग, लोकल सप्लाई चेन और लोकल मार्केटिंग का भी मतलब समझा दिया है. लोकल ने ही हमारी डिमांड पूरी की है. हमें इस लोकल ने ही बचाया है. लोकल सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है. इसके लिए हमें आवाज लगानी ही होगी. 


'गंदगी भारत छोड़ो'
अगस्त 2020 में PM Modi ने गंदगी भारत छोड़ो का नारा दिया. दरअसल यह वह मौका था जब आजादी के लिए देश में अंग्रेजों भारत छोड़ो अभियान शुरू हुआ था. PM Modi ने राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत बनाए गए 'राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र' (Rashtriya Swachhta Kendra) का उद्घाटन किया था.



  प्रधानमंत्री ने कहा- गरीबी- भारत छोड़ो... खुले में शौच की मजबूरी- भारत छोड़ो... पानी के दर-दर भटकने की मजबूरी- भारत छोड़ो... भ्रष्टाचार की कुरीति- भारत छोड़ो..! गंदगी भारत छोड़ो. 


जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं
Unlock की प्रक्रिया के तहत बाजार, संस्थान आदि खोले जा रहे थे. इस दौरान एकाएक बाजारों में भीड़ बढ़ गई थी. PM Modi ने वक्त की नजाकत को समझा और राष्ट्र के नाम संदेश दिया. उन्होंने कहा Corona अभी गया नहीं है, इसलिए जब तक दवाई नहीं तब तक कोई ढिलाई नहीं.



प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से बचाव संबंधी संदेशों के साथ तस्वीरें भी साझा कीं. अभियान को धार देने के लिए उन्होंने ‘यूनाइट टू फाइट कोरोना’ (#Unite2FightCorona) हैशटैग का भी उपयोग किया था. कुछ ही घंटों बाद यह हैशटैग टॉप पांच में ट्रेंड करने लगा था.


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