नई दिल्ली: Nitasha Kaul: लंदन में रहने वाली भारतीय मूल की एक महिला प्रोफेसर ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने उन्हें एंट्री नहीं दी, बेंगलुरु एयरपोर्ट से ही वापस लौटा दिया. महिला प्रोफेसर का नाम है निताशा कौल, जो एक कश्मीरी पंडित हैं. आइए, जानते हैं कि निताशा कौल के क्या आरोप हैं और उन्हें वापस क्यों लौट दिया गया?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

निताशा के आरोप
पहले ये जान लीजिए कि निताशा ने भारत सरकार पर क्या आरोप लगाए हैं. निताशा ने एक ट्वीट में कहा कि कांग्रेस के शासन वाली कर्नाटक सरकार ने उनको ‘भारत का संविधान और एकता’ विषय पर बात रखने के लिए बुलाया था. इसका आयोजन राजधानी बेंगलुरू में 24 और 25 फरवरी को था. 12 घंटे की यात्रा के बाद 23 फरवरी को मैं बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंची. लेकिन देश की केंद्र सरकार ने मेरी एंट्री रोक दी. जबकि मेरे सारे कागजात सही थे. एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया गया.



जब अधिकारियों से पूछे वजह
लंदन की वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वालीं प्रोफेसर निताशा का कहना है कि उन्होंने इमिग्रेशन अधिकारीयों से रोकने की वजह पूछी तो जवाब आया कि हम कुछ नहीं कर सकते, दिल्ली से आदेश है. आप राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) की आलोचना करती रहीं हैं. हो सकता है कि इस कारण भी आपको रोका गया हो. निताशा का दावा है कि भारत सरकार ने यात्रा से पहले उन्हें न आने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया. निताशा कौल ने का कहना है कि दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी को मेरी कलम और शब्द से कैसे खतरा हो सकता है?


BJP ने क्या कहा?
भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक ने कहा कि प्रोफेसर निताशा कौल पाकिस्तान से सहानुभूति रखती. कांग्रेस पार्टी संविधान के नाम पर कार्यक्रम करके भारत का विभाजन चाहने वाले को बुला रही है.  कांग्रेस पार्टी अपनी विभाजनकारी एजेंडे के तहत कर्नाटक को एक प्रयोगशाला के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है?


ये भी पढ़ें- कौन हैं सैयद शाबान बुखारी, जिन्हें बनाया गया जामा मस्जिद का 14वां इमाम


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.