नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अगले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश के लिए एक मल्टीमॉडल परिवहन प्रणाली को अपनाने के महत्व पर जोर दिया.


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5 करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था है लक्ष्य
शुक्रवार को बेंगलुरू में परिवहन विकास परिषद (टीडीसी) की 41वीं बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर देश को 5 करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करना है तो केंद्र और राज्यों को अगले पांच वर्षों में परिवहन क्षेत्र को बदलने के लिए मिलकर काम करना होगा.


उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि हम अपने मतभेदों को दूर करें, एक साथ आएं और भविष्य की नीतियां बनाएं ताकि देश में पैदा होने वाली ऊर्जा पर परिवहन व्यवस्था चलाई जा सके. गडकरी ने अगले पांच वर्षों में भारत के आर्थिक एजेंडे को प्राप्त करने के लिए परिवहन क्षेत्र को विकसित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की वकालत की.




'व्यापक तरीकों को अपनाने की आवश्यकता'
'वर्तमान में सड़कों का उपयोग 70 प्रतिशत माल के परिवहन के लिए किया जाता है. इसे कम करने के लिए व्यापक तरीकों को अपनाने की आवश्यकता है. केवल सड़क परिवहन पर ही नहीं बल्कि जल परिवहन, रेलवे और हवाई अड्डों पर भी निर्भर रहने की आवश्यकता है, जिन्हें आपस में निर्बाध रूप से जोड़ने की आवश्यकता है.'


गडकरी ने कहा कि भारत को दुनिया में एक शीर्ष ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए अगले 5 वर्षों में ऑटोमोबाइल उद्योग को 7.5 लाख करोड़ से बढ़ाकर 15 लाख करोड़ करने के प्रयास किए जाने चाहिए.


'सभी डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदला जाए'
गडकरी ने कहा कि यह केवल भारतीय सड़क क्षेत्र के लिए सर्वोत्तम तकनीकों को अपनाने और सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा डिजिटल संपर्क रहित सेवाओं पर जोर देने से ही संभव हो सकता है. मंत्री ने कहा कि प्रदूषण और लागत कम करने के लिए सभी डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदला जाना चाहिए.


गडकरी ने कहा कि सभी हितधारकों को प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को पूरा करने का संकल्प लेना चाहिए. उन्होंने दोहराया कि सड़क दुर्घटनाओं के प्रति एक गंभीर और संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता है और लोगों के कीमती जीवन को बचाने के लिए कड़े फैसले लेने होंगे.


उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, गोवा, कर्नाटक, दिल्ली और तमिलनाडु के परिवहन मंत्रियों ने 41वीं परिवहन विकास परिषद (टीडीसी) में भाग लिया.


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