शरद पवार और नीतीश कुमार के बीच पक रही है सियासी खिचड़ी? जानें मुलाकात हुई, क्या बात हुई
एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुलाकात की है. इस मौके पर उन्होंने बोला कि `अगर सारा विपक्ष एकजुट होता है, तो ये देश के भले के लिए होगा.`
नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 3 दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगे हैं. अब इसी कड़ी में नीतीश कुमार ने आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की है.
शरद पवार के आवास पर हुई मुलाकात
ये मुलाकात शरद पवार के दिल्ली में 6, जनपथ स्थित आवास पर हुई. शरद पवार से मिलने के बाद नीतीश कुमार ने कहा हमारी मुलाकात अच्छे वातावरण में हुई है. भाजपा कोई काम नहीं कर रही है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा विपक्ष का एकजुट होना जरूरी है. अगर सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होती हैं, तो ये देश के भले के लिए होगा.
प्रधानमंत्री की कुर्सी पर किसकी नजर?
नीतीश कुमार इसके पहले राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और सीताराम येचुरी से भी मुलाकात कर चुके हैं. हालांकि नीतीश कुमार का कहना है कि उनके लिए प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनना महत्वपूर्ण नहीं है. विपक्ष के सभी दल एकजुट हो जाएं, ये प्रयास है.
भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की कोशिश
गौरतलब है कि शरद पवार भी इसके पहले विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश कर चुके हैं. उन्होंने हाल ही में कहा था कि भाजपा सहयोगी पार्टियों को धीरे धीरे खत्म कर रही है. महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ भी यही किया गया है. यही वजह है कि शरद पवार ने भी सभी पार्टियों से भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है.
वहीं नीतीश कुमार राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से भी मुलाकात कर सकते हैं. अगर उनके दिल्ली दौरे को देखा जाए तो साल 2024 के चुनाव के लिए सभी दल एकजुट होते दिख तो रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी और ममता बनर्जी सरीखे दावेदारों के बीच नीतीश की अगुवाई में विपक्षी दल एकजुट हो पाएंगे, ये देखने वाली बात होगी.
बीजेपी ने नीतीश को जमकर कोसा
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिशों का यह कहते हुए कमतर आंकने की कोशिश की देश 'अवसरवादी' गठबंधनों से आगे निकल चुका है और अब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत व निर्णायक नेतृत्व के पीछे खड़ा है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर निकलने और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद पहली बार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचने को नीतीश की 'राजनीतिक तीर्थ यात्रा' करार दिया और आरोप लगाया कि वह उन लोगों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं.
उन्होंने कहा कि नीतीश की दिल्ली यात्रा ऐसे समय में हुई है जब बिहार बाढ़ और सूखे की त्रासदी झेल रहा है और हत्या जैसी अपराध की घटनाएं लगातार हो रही हैं. उल्लेखनीय है कि नीतीश ने अपने दो दिवसीय दिल्ली यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, वामपंथी नेताओं सीताराम येचुरी और डी राजा, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव व उनके पुत्र अखिलेश यादव सहित कई अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी.
'अवसरवादी गठबंधनों से आगे निकल चुका है देश'
उन्होंने कहा कि उनकी इन मुलाकातों का मकसद विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट करना है और विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की उनकी कोई इच्छा नहीं है. प्रसाद ने कहा, 'वह विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन 2014 के बाद देश इन अवसरवादी गठबंधनों से आगे निकल चुका है और वह उस पर कभी भरोसा नहीं करेगा.'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश ने 2014 से पहले बहुत राजनीतिक अस्थिरता देखी है जब कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, आई के गुजराल और एच डी देवेगौड़ा की सरकारों को गिरा दिया था. उन्होंने कहा कि देश इस स्थिति से आगे निकल चुका है और 2014 से एक स्थिर सरकार देख रहा है, जिसने देशवासियों में उम्मीद जगाई है और समाज में नयी ऊर्जा का संचार किया है.
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