नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के एक प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी जिस वंदे भारत ट्रेन में गुजरात में सफर कर रहे थे, उस पर पथराव किया गया. हालांकि, पुलिस ने दावे को खारिज करते हुए कहा कि सोमवार को हुई इस घटना के मामले में जांच जारी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ट्रेन पर पथराव की क्या है सच्चाई?
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि सोमवार शाम ट्रेन के सूरत पहुंचने से पहले घटना घटी जहां ओवैसी को राज्य में अपने चुनाव प्रचार के तहत एक रैली को संबोधित करना था. गुजरात विधानसभा चुनाव के तहत एक दिसंबर और पांच दिसंबर को मतदान होगा.


उन्होंने दावा किया, 'असदुद्दीन ओवैसी साहेब, साबिर काबलीवाला साहेब, मैं और एआईएमआईएम के लोग वंदे भारत एक्सप्रेस में अहमदाबाद से सूरत जा रहे थे तभी कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर पत्थर फेंके और उसके कांच टूट गये.' हालांकि पश्चिम रेलवे के पुलिस अधीक्षक राजेश परमार ने मंगलवार को कहा कि भरूच जिले के अंकलेश्वर में पटरी के पास चल रहे इंजीनियरिंग के काम के कारण कुछ गिट्टियां ट्रेन की कांच की खिड़कियों में जाकर लगी थीं. उन्होंने कहा, 'यह पथराव का मामला नहीं है.'


उन्होंने यह भी कहा कि ओवैसी खिड़की से दूर बैठे थे. अधिकारी के अनुसार टूटी हुई खिड़की को बदला गया और पुलिस उपाधीक्षक स्तर के एक अधिकारी घटना के मामले में जांच कर रहे हैं. 


रेलवे ने भी रखा अपना पक्ष
एक मीडिया रिपोर्ट में ये दाला किया गया है कि पश्चिम रेलवे की बड़ौदा जीआरपी के मुताबिक, ट्रेन पर कोई पथराव नहीं किया गया था. ट्रेन की स्पीड की वजह से कुछ पत्थर उछल कर ट्रेन के शीशे से जाकर टकरा गए थे, इससे शीशे में दरार आ गई थी.


पठान ने सूरत में सोमवार रात एक रैली में दावा किया कि एक के बाद एक करके दो पत्थर फेंके गये. उन्होंने दावा किया कि पत्थर इतने भारी थे कि खिड़की के कांच टूट गये जहां पास में ही ओवैसी और उनके साथी बैठे थे. एआईएमआईएम नेता ने कहा, 'मोदीजी क्या हो रहा है? कभी वंदे भारत ट्रेन से मवेशी कुचल जाते हैं. जब हम सूरत से 22-25 किलोमीटर दूर थे तो पत्थर लगा.'


मुद्दे को सियासी रंग देने की कोशिश?
उन्होंने कहा, 'पत्थर भारी था जिसने कांच की खिड़की को तोड़ दिया. 10-15 सेकंड बाद एक और पत्थर आकर गिरा. चाहे पत्थर फेंको, आग लगाओ, लेकिन हक की आवाज रुकेगी नहीं.' पठान ने कहा कि उनके पास घटना की तस्वीरें हैं. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर खिड़की के टूटे हुए कांच की तस्वीरें साझा कीं जिसमें ओवैसी और एआईएमआईएम के अन्य सदस्य बैठे दिख रहे हैं.



हालांकि पुलिस अधीक्षक परमार ने कहा कि यह पथराव का मामला नहीं है. उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के छह जवान और शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के तीन जवान उस कोच के चारों दरवाजों पर खड़े थे जिसमें ओवैसी यात्रा कर रहे थे. परमार ने कहा, 'ट्रेन धीरे चल रही थी क्योंकि इंजीनियरिंग से जुड़ा कामकाज हो रहा था. खिड़की पर कुछ आकर लगा, इसलिए कांच चटक गया.'


इसे भी पढ़ें- इमरान को क्यों बनाया गया निशाना? रिपोर्ट में सामने आई वजह


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.