नई दिल्ली: One Nation One Election Challenges: केंद्र की मोदी सरकार के कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है. कोविंद कमेटी की ओर से दिए गए इस प्रस्ताव में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की बात लिखी गई है. साथ ही ये भी लिखा है कि आम चुनाव के 100 दिन के भीतर ही स्थानीय निकायों के चुनाव भी कराए जाएंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से भी 'वन नेशन वन इलेक्शन' को भारत के लिए जरूरी बताया था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शीतकालीन सत्र में संसद में आएगा बिल
ऐसा दावा किया जा रहा है कि वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी तो मिल गई, अब इसे शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा. नवंबर-दिसंबर में इसे बिल के तौर पर सदन के पटल पर रखा जाएगा. सरकार चाहती है कि 2029 से वन नेशन वन इलेक्शन लागू हो जाए.


सरकार के सामने ये तकनीकी दिक्कतें
1. लोकसभा: सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है इस बिल को संसद से पास कराने की. लोकसभा में NDA के पास 543 में से 292 सीटें हैं, जबकि दो-तिहाई यानी 362 सीटों की आवश्यकता होगी. 


2. राज्यसभा: इसी तरह NDA के पास राज्यसभा में 245 में से 112 सीटें हैं. जबकि बिल पास कराने के लिए दो-तिहाई यानी 164 सीट की आवश्यकता होगी.



सरकार के सामने ये व्यावहारिक दिक्कतें
1. राज्य कमजोर, केंद्र मजबूत: विपक्ष के नेताओं और कुछ जानकारों का कहना है कि वन नेशन-वन इलेक्शन के लागू होने से राज्य सरकार कमजोर होंगी, ज्यादा ताकत केंद्र के हाथों में चली जाएगी.


2. एक पार्टी का प्रभुत्व: वन नेशन-वन इलेक्शन लागू होने से एक ही पार्टी का प्रभुत्व होने का खतरा बढ़ जाता है. आमतौर पर राज्य और राष्ट्रीय चुनाव एक साथ होने पर वोटर एक ही पार्टी को वोट करता है. इससे जीतने वाली पार्टी अत्याधिक ताकतवर हो सकती है.


3. राष्ट्रीय मुद्दे हावी: यदि एक ही समय पर केंद्र और राज्य के चुनाव होंगे तो राष्ट्रीय मुद्दे हावी हो सकते हैं. सड़क, बिजली और पानी जैसे स्थानीय मुद्दे चुनाव से गायब रह सकते हैं.
 


ये भी पढ़ें- J&K Assembly polls: इंद्रवाल में ज्यादा तो पुलवामा में सबसे कम डले वोट, पहले फेज की वोटिंग में 58.85 फीसदी हुआ मतदान


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.