नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने देश में एकबार में चुनाव कराने को लेकर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. इस समेटी के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद बनाए गए हैं. इसके अलावा समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन के अलावा पूर्व मंत्री गुलाम नबी आजाद को सदस्य बनाया गया है. 


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ये भी होंगे सदस्य
साथ ही एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य हैं. इसके लिए सरकार ने 2 सितंबर को अधिसूचना जारी की. 


हर तरफ छाया मुद्दा
इस उच्चस्तरीय समिति का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा. समिति तुरंत कार्य आरंभ करेगी और यथाशीघ्र सिफारिशें करेगी. अधिसूचना के जारी होने के साथ 'वन नेशन वन इलेक्शन' का मुद्दा हर तरफ छा गया.   


किन बातों का विश्षेलण करेगी समिति
समिति एक साथ चुनाव कराने की स्थिति में त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या दलबदल से उभरते परिदृश्यों के प्रभाव का विश्लेषण करेगी. समिति इस बात का अध्ययन करेगी कि क्या संविधान में संशोधन के लिए राज्यों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी. लोकसभा, विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार और सिफारिश करेगी.


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