नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने देश में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की संभावना तलाशने के लिए एक पैनल का गठन किया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को इस कदम का स्वागत किया और कहा कि इससे भारत को विश्व गुरु बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में एक ही चुनाव कराने की संभावनाएं तलाशने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. मुझे खुशी है कि रामनाथ कोविंद जैसे व्यक्ति ने पीएम के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. कमेटी इस मामले को देखेगी.
सीएम सरमा ने गिनाए कई कारण
सरमा ने कहा कि 'एक राष्ट्र एक चुनाव' देश के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि कई चुनावों से विकास कार्यों में देरी होती है. सरमा ने कहा, “चाहे शहरी निकाय चुनाव हों या विधानसभा और लोकसभा चुनाव, सरकार के विकास कार्यों की गति प्रभावित होती है. यदि केवल एक चुनाव होता है, तो पूरे पांच साल के कार्यकाल में सरकार देश के विकास पर ध्यान केंद्रित कर सकती है.
कहा- भारत बनेगा विश्वगुरु
उन्होंने दावा किया कि अगर इसे लागू किया गया तो भारत में जबरदस्त विकास होगा और देश 'विश्वगुरु' बन जाएगा.सरमा ने कहा,“एक राष्ट्र, एक चुनाव भारत को एक अलग स्तर पर ले जाएगा. खर्च कम होगा, निर्बाध विकास हो सकता है और भारत दुनिया का नेतृत्व कर सकता है. वहीं, सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कई विपक्षी पार्टियों का कहना है सरकार जानबूझकर यह कदम ऐसे समय में उठा रही है जबव लोकसभा का चुनाव नजदीक है. वह इस कदम के जरिए चुनाव को प्रभावित करना चाहती है.
राजस्थान से राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा को 27 जुलाई को दिए गए जवाब में बताया गया कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए चर्चा और अन्य पहलुओं को देखने के लिए अब मामला विधि आयोग के पास है. सरकार का मानना है कि देश में एक साथ चुनाव कराने से न सिर्फ सरकारी खजाना बचेगा, बल्कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों का भी खर्च बचेगा.
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