सागर (मध्य प्रदेश): एक ओर देश में कोरोना से बुरा हाल है तो वहीं लोगों के सामने कई और चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं. इसी तरह बुंदेलखंड में आने वाले दिनों में पानी का संकट भी गहरा सकता है. कोरोना और पानी इन दोनों समस्याओं से मुकाबला करने के लिए मध्य प्रदेश के सागर जिले में कवायद जारी है. एक तरफ जहां जिंदगी बचाने का अभियान जारी है तो दूसरी ओर जल सहेजने की मुहिम भी तेज की गई है. दोनों चुनौतियां अपने में बड़ी है. लेकिन प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं.


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सभी पंचायतों में औषधि केंद्र
मौजूदा वक्त में कोरोना से जूझते लोगों को निजात मिले इसके लिए सागर जिले में नया प्रयोग किया गया है. सभी 78 पंचायतों में औषधि केंद्र स्थापित हुए हैं, साथ ही, 15 विकासखण्ड स्तर भाप केंद्र चलाए जा रहे है. संभावित संक्रमित व्यक्ति जनपद स्तर पर फोन करके मेडिकल किट की अपनी मांग भेज सकता है. उसे घर बैठे औषधि उपलब्ध कराई जाएगी.


पानी के लिए ये है व्यवस्था
बंडा जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुरेन्द्र खरे ने बताया कि विकासखण्ड स्तर पर अब तक 411 खेत तालाब बनकर तैयार हो गये हैं और 148 में काम चल रहा है. इसके साथ ही कंटूरटेंच, गल्ली प्लग, लूज बोल्डर स्टेक्च र के माध्यम से पहाड़ी जल को संरक्षित किया जा रहा है.



विकासखण्ड की सभी 78 पंचायतों में 232 शासकीय भवनों की छतों से रैन वॉटर हार्वेस्टिंग के कार्य प्रारंभ किए गए हैं. इन सभी कामों से ग्रामीण परिवारों को मनरेगा के अंतर्गत अपनी रोजी - रोटी कमाने का भी अवसर मिल रहा है.


कैच द रेन कार्यक्रम के तहत किए उपाय
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. इच्छित गढ़पाले ने बताया कि जिले के 11 विकासखण्डों में पंचायत स्तर पर औषधि केन्द्रों की स्थापना की गई है जहां आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और एलोपैथिक तीनों विधि की दवाईयां उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गईं हैं. परन्तु लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी जिला पंचायत के स्तर पर आवश्यक कदम उठाए गए हैं.



आगामी वर्षा ऋतु में बरसाती पानी को भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए कैच द रेन कार्यक्रम के अंतर्गत जल संग्रहण और छायादार तथा फलदार पौधों का रोपण किया गया है. 


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