नई दिल्ली. देश के रिजर्व बैंक ने बीती 19 मई को 2000 के नोट बाजार से वापस लेने की घोषणा की थी. 23 मई से इस नोट के बैंकों में एक्सचेंज की व्यवस्था शुरू भी हो गई. दरअसल ऐसी चर्चाएं थीं कि लोगों द्वारा काले धन को सफेद किया जा रहा है. अब ज़ी न्यूज के बड़े स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ बड़े ज्वेलर्स कैसे काले धन को सफेद बनाने के काम में लगे हुए हैं. 


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कैसे ज्वेलर्स कर रहे काले का सफेद
2016 में नोटबंदी के बाद जैसा हुआ था वैसे ही कुछ ज्वेलर्स 2000 के नोट के कालेधन को नाजायज ढंग से व्हाइट करने में लगे हुए हैं. ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि ज्वेलर्स 2000 के नोट लेने के लिए सोने को महंगे दाम पर बेच रहे हैं. इससे वो दोतरफा फायदा कमा रहे हैं. यानी एक तरफ 2000 के नोट के कालेधन को वो आगे बैंक से एक्सचेंज करवाएंगे. और अभी महंगे दाम में सोने को बेचकर भी फायदा कमा रहे हैं. 


ज़ी न्यूज़ के रिपोर्टर ने कस्टमर बन किया खुलासा
'Operation Pink' में खुलासा हुआ है कि यह कारोबार कैसे चल रहा है. स्टिंग ऑपरेशन के मुताबिक सोने का बाजार भाव 63 हजार प्रति दस ग्राम है लेकिन 2000 के नोट के बदले यह 70 हजार में बेचा जा रहा है. ज़ी न्यूज के रिपोर्टर अभिषेक कुमार कस्टमर बनकर कई ज्वेलर्स के शोरूम में गए और इस बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया.



कोडनेम से जाना जाता है 2000 का नोट
दिलचस्प बात ये है कि 2000 के नोट के लिए भी एक कोड नेम है. इस नोट को पिंक के कोडनेम से पुकारा जाता है. कार्ड या फिर अन्य माध्यम से पेमेंट करने पर सोने के भाव अलग हैं. अगर 2000 के नोट से पेमेंट हो तो अलग भाव होता है. इन नोटों के जरिए सबसे ज्यादा सोने के सिक्के खरीदे जा रहे हैं. ज्वेलर्स की बैंकों से मिलीभगत है जिसके जरिए इन नोटों को एक्सचेंज किया जा रहा है.


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