नई दिल्लीः पड़ोसी मुल्क के शीर्ष वैज्ञानिक एक बार फिर पाकिस्तान को रास्ते पर लाने के लिए नश्तर चुभोया है. उन्होंने पाकिस्तान की सबसे बड़ी और पुरानी समस्या बन चुकी वहां की सेना और गतिविधियों को लेकर सवाल उठाए हैं. शीर्ष वैज्ञानिक परवेज हुदभॉय ने मुल्क की लगाम सेना के हाथ में होने पर सवाल उठाते हुए कहा, देश की आवश्यकताएं लोगों के हितों पर आधारित होनी चाहिए, न कि किसी विचारधारा पर. हमें ऐसे मुल्क की जरूरत है, जिसमें बलोच, सिंधी, पठान और पंजाबी सभी के हितों का ध्यान रखा जाए. हमें ऐसा देश नहीं चाहिए जो सेना के लिए बनाया गया हो.


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साहित्यिक महोत्सव में खुलकर बोले हुदभॉय
कराची में साहित्यिक कार्यक्रम ‘आदाब महोत्सव’ के दौरान हुदभॉय ने कहा, पाकिस्तान को उसके नागरिकों के लिए बनाया गया था. हमें पाक के लिए किसी विचारधारा की जरूरत नहीं है. विचारधारा के बिना भी देश आगे बढ़ सकता है. उन्होंने बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए कहा, जो 1971 से पहले पूर्वी पाकिस्तान के तौर पर जाना जाता था, उसकी अर्थव्यवस्था भी पाकिस्तान से कहीं बेहतर है.


उन्होंने कहा कि बांग्लादेश कई मामलों में हमसे बेहतर है और लगातार आगे निकल रहा है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश अपनी नीति पर चलता है. 


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पाकिस्तानी सरकार को दी नसीहत
उन्होंने कहा कि कभी देश का हिस्सा रहा बांग्लादेश आज आगे है, क्योंकि वह देश किसी विचारधारा को नहीं मानता. न ही हॉलैंड और न ही जापान की किसी विचारधारा पर चलता है. बांग्लादेश का फॉरेन एक्सचेंज हमसे चार गुना बेहतर है. उनका जीवन सूचकांक भी कहीं ज्यादा बेहतर है. पाकिस्तानी सरकार को लोगों की भलाई के लिए काम करना चाहिए. इससे पहले, हुदभॉय ने 2017 में पाकिस्तान पर फासीवादी धार्मिक देश बनने का आरोप लगाया था.


2012 में शिक्षा पद्धति पर उठाया था सवाल
वैज्ञानिक हुदभॉय पाकिस्तान में सुधारों के लिए पहल करने वाले शख्स हैं. उन्होंने 2012 में शिक्षा पद्धति को निशाने पर लिया था. कहा कि पाकिस्तानी मदरसों में बच्चों को ‘ए फॉर अल्लाह’ और ‘बी फॉर बंदूक’ पढ़ाया जा रहा है. कट्टरपंथी और भारत विरोधी विचार उनके दिमाग में भरकर आतंकवाद की जड़ें मजबूत की जा रही हैं.


किंग्स कॉलेज में शिक्षा के द्वारा आतंकवाद के पोषण पर व्याख्यान में परवेज ने बताया कि कैसे एक कॉलेज को आग के हवाले कर दिया गया. वहां पतंगों, गिटार, सेटेलाइट टेलीविजन, कैरम बोर्ड, शतरंज, वाइन की बोतलों और हारमोनियम की तस्वीरें थीं. इन्हें कट्टरपंथी पाप की निशानी मानते हैं.


जानिए, कौन हैं हुदभॉय
11 जुलाई 1 9 50 को जन्मे परवेज अमिराली हुदभॉय पाकिस्तानी भौतिक विज्ञानी और कार्यकर्ता हैं. हुदभॉय पाकिस्तान में भाषण, धर्मनिरपेक्षता और शिक्षा की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने से संबंधित एक प्रमुख कार्यकर्ता भी हैं. हुदभॉय पाकिस्तान के सबसे प्रमुख शिक्षाविदों में से एक है साथ ही विज्ञान के लेखक हैं. उन्हें आम तौर पर पाकिस्तानी बुद्धिजीवियों में सबसे मुखर, प्रगतिशील और उदारवादी लोगों में से एक माना जाता है.