चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर क्या बोला पाकिस्तान, जानें विदेशी अखबारों में क्या छपा
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है, `चंद्रयान-3 मिशन ने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर पहुंचने वाला पहला देश बना दिया है और इसने देश के घरेलू अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों में इजाफा किया है.
नई दिल्लीः चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘चंद्रयान-3’ की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ को प्रमुख विदेशी मीडिया संस्थानों ने एक अद्भुत उपलब्धि और भारतीय स्पेस एजेंसी के लिए एक बड़ा क्षण बताया है. ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ से लेकर ‘बीबीसी’ और ‘द गार्डियन‘ से लेकर ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ तक, बुधवार को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की ऐतिहासिक घटना ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं.
कई अखबारों ने उड़ाया था मजाक
मुख्यधारा के अमेरिकी समाचारपत्रों ने महान भारतीय उपलब्धि का उल्लेख किया. पूर्व में इन अखबारों में से कई ने भारत के अंतरिक्ष मिशन पर संदेह जताया था और कभी-कभी कार्टून के माध्यम से इसका मज़ाक भी उड़ाया था. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है, "चंद्रयान-3 मिशन ने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर पहुंचने वाला पहला देश बना दिया है और इसने देश के घरेलू अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों में इजाफा किया है.
वाशिंगटन पोस्ट में क्या छपा
वाशिंगटन पोस्ट ने इस ऐतिहासिक अवसर का जश्न मनाने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों को शामिल करते हुए कुछ कहानियाँ और एक राय लिखी. अखबार के डिप्टी ओपिनियन एडिटर डेविड वॉन ड्रेहले ने लिखा, ‘‘यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक शानदार उपलब्धि-और भू-राजनीतिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक है. यह सफल लैंडिंग उसी क्षेत्र में रूस का एक यान चांद की सतह से टकराकर दुर्घटना का शिकार होने के कुछ दिन बाद हुई है.
वॉल स्ट्रीट ने क्या कहा
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा, भारत चंद्रमा पर, चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा." बीबीसी ने अपने लेख का शीर्षक दिया, ‘‘चंद्रयान-3: भारत ने की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ऐतिहासिक लैंडिंग. बीबीसी की विज्ञान संपादक रेबेका मोरेल ने लिखा, ‘‘यह भारत के लिए एक बड़ा क्षण है - और यह उसे अंतरिक्ष महाशक्ति की सूची में ऊपर उठाता है. उन्होंने कहा, "चंद्रमा पर उतरना बहुत आसान नहीं है - जैसा कि इस सप्ताह रूस के प्रयास से भी पता चला- और कई मिशन विफल हो चुके हैं, जिनमें भारत का पहला प्रयास भी शामिल है."
इसने कहा कि रूस के ‘लूना 25’ के विफल होने के बाद से भारत का मिशन और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. लेख में कहा गया कि चंद्रयान-3 की सफलता के साथ, भारत 21वीं सदी में चीन के बाद चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला दूसरा देश बन गया है. द गार्डियन अखबार के विज्ञान संपादक इयान सैंपल ने 'भारत का चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ के लिए बड़ा व्यवसाय है' शीर्षक से लेख लिखा है.
जर्मनी की सरकारी मीडिया डॉयचे वेले ने 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और अंतरिक्ष कार्यक्रम में बड़ी लीग का हिस्सा बनने में सक्षम' होने के लिए भारत की सराहना की. जापानी दैनिक निकेई ने इसे 'ऐतिहासिक छलांग' बताकर मिशन की सराहना की. ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के लिए भी एक जीत है, जो भारत को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी और एक मुखर वैश्विक महाशक्ति के रूप में प्रदर्शित कर रही है.
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