नई दिल्लीः Subhash Chandra bose Jayanti: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पराक्रम दिवस के अवसर पर महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया. सरकार ने साल 2021 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्‍मदिन 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. 


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पीएम मोदी ने नेताजी को किया याद
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, 'आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और भारत के इतिहास में उनके अद्वितीय योगदान को याद करता हूं. औपनिवेशिक शासन का कड़ा विरोध करने के लिए उन्हें याद किया जाएगा. उनके विचारों से प्रभावित होकर हम भारत के लिए उनके दृष्टिकोण को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं.' 


 



सुभाष द्वीप पर स्थापित किया गया है मॉडल
पीएम आज अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में नेताजी को समर्पित स्मारक के एक मॉडल का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उद्घाटन करेंगे. प्रस्तावित स्मारक रॉस द्वीप में स्थापित किया जाएगा, जिसका नाम 2018 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा गया था. 


थीम आधारित पार्क समेत ये चीजें होंगी यहां
एक अधिकारी ने बताया कि इसमें एक संग्रहालय, एक केबल कार रोपवे, एक लेजर-एंड-साउंड शो, विरासत से जुड़ी कुछ ऐतिहासिक इमारतें प्रदर्शित की जाएंगी और बच्चों के लिए एक थीम-आधारित पार्क होगा. प्रधानमंत्री ऑनलाइन इसका उद्घाटन करने के बाद देश को संबोधित भी करेंगे. 


21 अनाम द्वीपों के नाम परमवीर विजेताओं पर किए जाएंगे
प्रधानमंत्री मोदी इसके अलावा अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखने के एक समारोह में भी शामिल होंगे. अधिकारी ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने परमवीर चक्र विजेताओं को सम्मानित करने के लिए यह पहल की है. 21 द्वीपों में से 16 उत्तर और मध्य अंडमान जिले में और पांच दक्षिण अंडमान में स्थित हैं.’


इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में तिरंगा फहराएंगे. शाह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के दो दिवसीय दौरे पर रविवार देर रात पोर्ट ब्लेयर पहुंचे थे. 


सेलुलर जेल भी जा सकते हैं अमित शाह
अधिकारियों ने बताया कि नेताजी ने 30 दिसंबर 1943 को यहां जिमखाना मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और शाह आज उसी स्थान पर झंडा फहराएंगे. इस मैदान का नाम अब ‘नेताजी स्टेडियम’ है. शाह के सेलुलर जेल का दौरा करने की भी संभावना है, जहां भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान कई स्वतंत्रता सेनानियों को रखा गया था. 


अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर जापान का कब्जा था और इसे औपचारिक रूप से 29 दिसंबर 1943 को नेताजी की आजाद हिंद सरकार को सौंप दिया गया था. 


(इनपुटः भाषा)


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