नई दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. पहले दिन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए लोकसभा में बिल पेश करेंगे. वहीं, विपक्ष सरकार को किसान आंदोलन, महंगाई जैसे मुद्दों पर घेरने की रणनीति लेकर सदन में पहुंचेगा. 


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पहला दिन हंगामेदार रहने के आसार
शीतकालीन सत्र का पहला दिन ही हंगामेदार रहने के आसार हैं. विपक्ष किसानों के मुद्दे को छोड़ने के मूड में नहीं है. विपक्ष की तैयारी है कि किसान आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिवारों से माफी मांगने समेत अन्य मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा करे. 


MSP, महंगाई का मुद्दा उठा सकता है विपक्ष
वहीं, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ने, पेगासस जासूसी और सीमा सुरक्षा बल अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष सरकार पर निशाना साधने के लिए तैयार है. 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडियाकर्मियों को संबोधित कर सकते हैं. 


कृषि कानूनों के संदर्भ में चर्चा चाहता है विपक्ष
इससे पहले रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में 31 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस दौरान सभी पार्टियों ने कृषि कानूनों के संदर्भ में चर्चा कराने की मांग की. वहीं, कांग्रेस की तरफ से अधीर रंजन चौधरी ने किसान आंदोलन में मरे किसानों के लिए शोक प्रस्ताव पारित करने की मांग की.


वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक के दौरान आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का फैसला कर संघीय ढांचे को कमजोर किया है.


23 दिसंबर तक चलेगा शीतकालीन सत्र
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा. इस पूरे सत्र में केंद्र सरकार करीब 30 बिल पेश करने जा रही है. इनमें क्रिप्टोकरेंसी, बिजली, पेंशन, वित्तीय सुधार और बैंकिंग कानून बिल शामिल है. 


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