नई दिल्ली. देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्र में बदलाव की सिफारिश एक संसदीय पैनल ने की है. पैनल का कहना है कि चुनाव लड़ने की आयु वर्तमान में 25 वर्ष से 18 वर्ष कर दी जानी चाहिए. पैनल का सुझाव चुनाव लड़ने की उम्र सात साल कम करने का है. इस पैनल के अध्यक्ष बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और दिग्गज बीजेपी नेता सुशील मोदी हैं. 


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बढ़ेगी राजनीतिक सहभागिता
पैनल ने पाया है कि चुनाव लड़ने की उम्र कम करने से युवा व्यक्तियों के लोकतंत्र में शामिल होने के अवसर बढ़ेंगे. पैनल ने कहा है कि यह सुझाव वैश्विक रूप से युवाओं में बढ़ती राजनीतिक चेतना और युवा प्रतिनिधित्व के मद्देनजर और मजबूत प्रतीत होता है. 


कई देशों के अध्ययन के बाद दिया सुझाव
पैनल का कहना है कि यह सुझाव कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का अध्ययन करने के बाद दिया गया है. इन देशों के उदाहरण से पता चलता है कि युवा राजनीतिक रूप से ज्यादा जिम्मेदारी सहभागी साबित होंगे. 


नागरिक शिक्षा की वकालत
इसके अलावा पैनल यह भी कहा है कि चुनाव आयोग और सरकार को लोगों के बीच व्यापक रूप से सिविक एजुकेशन प्रोग्राम चलाए जाने की जरूरत है. इससे युवा लोगों में राजनीति से जुड़ने से जरूरी स्किल और चेतना पैदा होगी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसके लिए फिनलैंड जैसे अन्य देशों के सफल मॉडल का अनुसरण किया जा सकता है.


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