नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोलकाता में हो रही जी20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की तीसरी और अंतिम बैठक को वर्चुअल रूप से संबोधित किया. पीएम ने इस दौरान कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की सख्त नीति है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का असर गरीबों और वंचित तबकों के लोगों पर पड़ता है.


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'संसाधनों के आवंटन को प्रभावित करता है भ्रष्टाचार'
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार संसाधनों के आवंटन को प्रभावित करता है. इसलिए भ्रष्टाचार को लेकर भारत की कतई बर्दाश्त नहीं करने की कड़ी नीति है. जी20 पर हमारे सम्मिलित प्रयास भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान दे सकते हैं. रवींद्रनाथ टैगोर ने हमें लालच से दूर रहने के प्रति आगाह किया था क्योंकि यह हमें सच का एहसास नहीं होने देता है.


 



'डीबीटी के जरिए लाभार्थियों को 360 अरब डालर दिए'
पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ना हमारी जनता के प्रति हमारा पवित्र कर्तव्य है. कल्याणकारी योजना में खामियों को दूर किया गया, प्रत्यक्ष हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए लाभार्थियों को 360 अरब डॉलर दिए गए. साल 2018 जी-20 में भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ एजेंडा पेश किया था, आपके समूह की ओर से उठाए जा रहे कदमों को देखकर खुशी हुई.


'भ्रष्टाचार को दूर करने के कदम लागू कर ला सकते हैं बदलाव'
जी 20 बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई में लेखा परीक्षा संस्थानों को सम्मान देना चाहिए. हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाकर, भ्रष्टाचार को दूर करने के कदम लागू करके बदलाव ला सकते हैं.


उन्होंने कहा कि विदेशी संपत्तियों की वसूली में तेजी लाने के लिए जी 20 देश गैर दोषी आधारित जब्ती का इस्तेमाल कर एक मिसाल पेश कर सकते हैं. इससे उचित न्यायिक प्रक्रिया के बाद अपराधियों की जल्द वापसी और उनका प्रत्यर्पण सुनिश्चित हो सकेगा.


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