नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के मुद्दे पर ‘बहुत अडिग’ रहे हैं और उन्हें चीन-भारत सीमा पर हमारे बलों की मजबूत तैनाती से आंका जाना चाहिए. 


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विपक्ष की आलोचना को किया खारिज
उन्होंने हाल में प्रधानमंत्री के चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हाथ मिलाने को लेकर विपक्ष की आलोचना को खारिज कर दिया. दरअसल, पिछले दिनों इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाथ मिलाया था.


भारत का निकटतम पड़ोसी है चीनः विदेश मंत्री
इस संबंध में विपक्ष की आलोचना पर जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ व्यवहार करते हुए वास्तविकता यह है कि यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. भारत का निकटतम पड़ोसी है, लेकिन साथ ही इसके साथ एक मुश्किल इतिहास, संघर्ष और एक बहुत बड़ा सीमा विवाद रहा है. 


विदेश मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि चीन से निपटने का सही तरीका यह है कि जब किसी को दृढ़ रहना हो तो दृढ़ रहना चाहिए. 


जयशंकर ने मुद्दों की स्पष्टता पर दिया जोर
उन्होंने कहा, ‘यदि आपको सैनिकों को सीमा तक ले जाना है तो वे जो करने की कोशिश कर रहे हैं, उससे निपटने के लिए हमें वह करना चाहिए. उन मुद्दों पर जहां वे हमारे हितों का समर्थन या कमजोर नहीं करते हैं, इसके बारे में स्पष्ट होने के लिए जहां आवश्यक हो, इसके बारे में सार्वजनिक होना होगा.’ 


बकौल जयशंकर, ‘मैं इसके बारे में हर समय सार्वजनिक रूप से नहीं कहता हूं, लेकिन जहां कूटनीति की आवश्यकता होती है, वहां सार्वजनिक होना अक्सर उपयोगी होता है.’


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