नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत सालाना 8.5 लाख करोड़ रुपये की कीमत का दूध का उत्पादन करता है, जो गेहूं और चावल की पैदावार से अधिक है और छोटे किसान डेयरी क्षेत्र के सबसे बड़े लाभार्थी हैं. प्रधानमंत्री ने बनासकांठा जिले के दियोदर में बनास डेयरी के नए डेयरी परिसर और आलू प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित किया.


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करोड़ों किसानों की आजीविका दूध पर निर्भर


पीएम मोदी ने कहा, 'आज, भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है. करोड़ों किसानों की आजीविका दूध पर निर्भर करती है. भारत सालाना 8.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य का दूध उत्पादन करता है, जिस पर बड़े अर्थशास्त्रियों सहित कई लोग ध्यान नहीं देते हैं.'



उन्होंने कहा, 'गांवों की विकेन्द्रीकृत अर्थव्यवस्था प्रणाली इसका एक उदाहरण है. इसके विपरीत, गेहूं और चावल की पैदावार भी 8.5 लाख करोड़ रुपये दूध उत्पादन के बराबर नहीं है. और छोटे किसान डेयरी क्षेत्र के सबसे बड़े लाभार्थी हैं.'


मोदी ने कहा कि बनास डेयरी के नए डेयरी परिसर और आलू प्रसंस्करण संयंत्र का उद्देश्य स्थानीय किसानों को सशक्त बनाना और क्षेत्र में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है. प्रधानमंत्री ने बनास सामुदायिक रेडियो स्टेशन, पालनपुर में पनीर उत्पादों व मट्ठा पाउडर के उत्पादन के लिए विस्तारित सुविधाओं और दामा में स्थापित जैविक खाद व बायोगैस संयंत्र को भी राष्ट्र को समर्पित किया.


आलू को लेकर पीएम मोदी ने दिया ये बयान


पीएम ने बोला कि 'आलू और दूध का आपस में कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन बनास डेयरी ने ये रिश्ता भी जोड़ दिया. दूध, दही,छाछ, पनीर, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, पेटीज जैसे उत्पादों को भी बनास डेयरी ने किसानों का सामर्थ्य बना दिया है. ये भारत के लोकल को ग्लोबल बनाने की दिशा में भी एक अच्छा कदम है.'


इस मौके पर पीएम ने शिक्षा का मुद्दा भी उठाया और कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में विद्या समीक्षा केंद्र पूरे देश में बड़े परिवर्तन ला सकता है. विद्या समीक्षा केंद्र जैसी आधुनिक व्यवस्था का लाभ देश के जितने ज्यादा बच्चों को मिलेगा, उतना ही भारत का भविष्य उज्ज्वल बनेगा.


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