नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दक्षिण भारत के मिशन पर निकल रहे हैं. पीएम मोदी के दो दिन के इस दौरे के कई मायने हैं. आज वो केरल की धरती पर होंगे जहां केरल के लोगों को बड़ी सौगात मिलने वाली है.


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कोच्चि मेट्रो फेज-2 की परियोजना का शिलान्यास
पीएम मोदी कोच्चि मेट्रो फेज-2 की परियोजना का शिलान्यास करेंगे और एसएन जंक्शन से वडक्केकोट्टा तक चरण-1 का उद्घाटन करेंगे. शाम के वक्त कोच्चि एयरपोर्ट के पास कलाड़ी गांव जाएंगे. कलाड़ी में आदि शंकराचार्य का जन्म स्थल है. पीएम का एक जनसभा का भी कार्यक्रम होगा.


शुक्रवार को INS विक्रांत को कमीशन करने के बाद दोपहर कर्नाटक के दौरे पर पहुंचेंगे.


3800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का तोहफा
मंगलुरू में करीब 3800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. इसमें न्यू मैंगलोर पोर्ट अथारिटी के शुरू किए गए कंटेनरों और दूसरे कार्गो को संभालने के लिए 280 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजना का उद्घाटन करेंगे.


इसके अलावा प्रधानमंत्री पोर्ट की शुरू की गई करीब 1000 करोड़ रुपये की पांच परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे. इसके अलावा  भंडारण टैंक और खाद्य तेल रिफाइनरी की मैन्यूफैक्चरिंग की परियोजनाओं की भी आधारशिला रखेंगे. वहीं आज यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी कर्नाटक के दौरे पर हैं.


अब समंदर में नहीं चलेगी चीन की मनमानी?
सीमा पर तनातनी और हिंद महासागर के क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल के बीच समुद्र में भारत की ताकत बढ़ने वाली है. हिंदुस्तान की जल सीमा की रक्षा के लिए नया सिपाही देश को मिलने वाला है. 2 सितंबर को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में हिंदुस्तान एक और नई इबारत लिखेगा. जब पीएम मोदी आईएनएस विक्रांत के रूप में स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित पहले विमानवाहक पोत को नौसेना को सौंपेंगे.


INS विक्रांत को कम एरिया में एयरक्रॉफ्ट के टेक ऑफ और लैंडिंग के लिए खास तौर से डिजाइन किया गया है. इसे एसटीओबीएआर यानि शॉर्ट टेक-ऑफ बट, आरेस्टेड लैंडिंग के रूप में डिजाइन किया गया है.


INS विक्रांत की खासियत जानिए


इसकी लंबाई 262 मीटर है
इसकी चौड़ाई 62 मीटर है
इसकी ऊंचाई 50 मीटर है
7500 नॉटिकल मील तक सफर की क्षमता है
अधिकतम गति 28 (नॉट) समुद्री मील है
इस पर 20 लड़ाकू विमानों की तैनाती हो सकती है
साथ ही इस पर 10 अटैक हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं
विक्रांत पर 6 सबमरीन हंटर हेलीकॉप्टर भी तैनात हो सकते हैं


अभी देश की समुद्री सरहदों की रक्षा की जिमम्मेदारी INS विक्रमादित्य उठा रहा है लेकिन समंदर में दुश्मन देशों की बढ़ती गतिविधियों ने उसकी चुनौतियों को बढ़ा दिया है. ऐसे में जब उसे INS विक्रांत का साथ मिलेगा तो दुश्मन भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की जुर्रत नहीं कर पाएगा.


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