AMU के शताब्दी वर्ष पर PM Modi का संदेश, `सभी मतभेदों से पहले देश`
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के शताब्दी वर्ष समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा संदेश देते हुए ये कहा कि देश के विकास में AMU का अहम योगदान है, सभी मतभेदों से पहले देश हो..
नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) के शताब्दी वर्ष समारोह के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने पूरे देश को कई बड़े संदेश दिए. उन्होंने ये साफ-साफ कहा कि देश के विकास में AMU का अहम योगदान है, सभी मतभेदों से पहले देश हो. इस दौरान AMU छात्रों ने पीएम मोदी (PM Modi) के संबोधन का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि देश हमारे लिए सबसे आगे है. आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की बड़ी बातों से रूबरू करवाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
PM Modi ने कहा कि "आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं. एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं. कोरोना संकट के दौरान AMU ने जिस तरह समाज की मदद की वो अभूतर्पूव है. लोगों का मुफ्त टेस्ट कराना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में एक बड़ी राशि का योगदान देना समाज के प्रति आपके दायित्यों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है."
उन्होंने कहा कि "मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है. अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है. यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी. अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृति की शिक्षा भी दी जाती है."
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प्रधानमंत्री ने बताया कि "आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं."
"बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले."
"बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए."
"बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला."
"बिना किसी भेदभाव आयुष्मान योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज संभव हुआ."
उन्होंने कहा कि "देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, सभी अपने सपने पूरे करें. सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है. देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है. उत्कृष्ट इस्लामिक रिसर्च के केंद्र के रूप में, यह AMU की जिम्मेदारी भी है कि भारत के मूल मूल्यों और लोकाचार को दुनिया में फैलाया जाए."
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PM ने कहा, "पहले मुस्लिम बेटियों को स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70% से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30% रह गया है. पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है. हमारे देश के युवा Nation First के आह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. एक empower women का हर फैसले में उतना ही योगदान होता है, जितना किसी और का. फिर चाहे बात परिवार को दिशा देने की हो या देश को. मैं देश की अन्य शिक्षा संस्थानों से भी कहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा बेटियों को शिक्षा से जोड़ें."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि "सरकार higher education में number of enrollments बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है."
"वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 IITs थे। आज 23 IITs हैं."
"वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 IIITs थे। आज 25 IIITs हैं."
"वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 IIMs थे। आज 20 IIMs हैं."
उन्होंने बोला, "Medical education को लेकर भी बहुत काम किया गया है. 6 साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे. आज देश में 22 एम्स हैं. शिक्षा चाहे Online हो या फिर Offline, सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं. आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है. जिस सदी को भारत की बताया जा रहा है, उस लक्ष्य की तरफ भारत कैसे आगे बढ़ता है, इसे लेकर सब उत्सुक हैं. इसलिए हम सबका एकनिष्ठ लक्ष्य ये होना चाहिए कि भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं."
इसके अलावा पीएम मोदी ने बोला कि "पिछली शतब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही जाया हो चुका है. अब समय नहीं गंवाना है, सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है. समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो, तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए. जब आप सभी युवा साथी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं, जो हम हासिल न कर सकें. हमें समझना होगा कि सियासत सोसाइटी का अहम हिस्सा है, लेकिन सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं. सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है."
PM ने कहा कि "सबसे बड़ी बात आज का युवा किसी का इंतज़ार नहीं कर सकता है, सबको साथ मिलकर एक नया भारत बनाना है. पिछली शतब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही जाया हो चुका है. अब समय नहीं गंवाना है, सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है."
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पीएम मोदी ने कहा कि "100 साल पहले युवा को बलिदान देने का अवसर मिला था और उस पीढ़ी के तप और बलिदान से भारत को आज़ाद मिला था. 1920 के 27 साल बाद 1947 में देश आज़ाद हुआ था, 2020 से 27 साल बाद जब भारत आज़ादी के सौ साल पूरा करेगा तब आप उस महत्वपूर्ण क्षण के साक्षी बनेंगे."
अंत में उन्होंने आत्मनिर्भर भारत मिशन पर जोर देते हुए कहा कि "नए भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी और बढ़ाए. आत्मनिर्मभर भारत को सफल बनाने के लिए, वोकल फॉर लोकर को सफल बनाने के लिए यदि AMU से सुझाव मिले तो हमें खुशी होगी. हम सबका एक लक्ष्य होना चाहिए कि भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाए."
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