नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘उत्कल केसरी’ हरेकृष्ण महताब द्वारा लिखित पुस्तक ‘ओडिशा इतिहास’ के हिंदी संस्करण का अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में विमोचन किया और कहा कि ओडिशा का व्यापक और विविधताओं से भरा इतिहास देश के लोगों तक पहुंचे, यह बहुत आवश्यक है.


ओडिशा के विकास में महताब का योगदान


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर स्वतंत्रता संगाम और उसके बाद ओडिशा के विकास में महताब के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वह ऐसे बिरले नेताओं में से थे जो देश की आजादी के लिए तो जेल गए, आपातकाल का विरोध कर लोकतंत्र को बचाने के लिए भी जेल गए.


उन्होंने कहा, ‘यह बात आज के जनप्रतिनिधियों को हैरत में डाल सकती है कि जिस पार्टी से वह मुख्यमंत्री बने थे, आपातकाल में उसी पार्टी का विरोध करते हुए वह जेल गए थे. यानि वह ऐसे विरले नेता थे जो देश की आजादी के लिए भी जेल गए और देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए भी जेल गए थे.’



ज्ञात हो कि हरेकृष्ण महताब कांग्रेस के नेता और एक स्वतंत्रता सेनानी थे. वह ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री भी थे. वह 1942 से 1945 तक लगभग दो साल अहमदनगर फोर्ट जेल में बंद रहे और उसी दौरान उन्होंने ‘ओड़िशा इतिहास’ पुस्तक की रचना की थी.


हरेकृष्ण वह व्यक्ति थे, जिन्होंने बनाया इतिहास


प्रधानमंत्री ने कहा कि हरेकृष्ण वह व्यक्ति थे जिन्होंने इतिहास बनाया, उसे बनते हुए देखा और और फिर उसे लिखा. उन्होंने कहा ‘वास्तव में ऐसे ऐतिहासिक व्यक्तित्व बहुत ही विरले होते हैं. ऐसे महापुरुष खुद भी इतिहास के महत्वपूर्ण अध्याय होते हैं. आजादी की लड़ाई में उन्होंने अपना जीवन समर्पित किया, युवावस्था जेल में काटी, समाज के लिए भी लड़े और जाति-पांति तथा छुआछूत के खिलाफ आंदोलन किए.’


उन्होंने कहा कि दिवंगत महताब ने ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में बड़े-बड़े फैसले लिए और राज्य का भविष्य गढ़ने के लिए शहरों और बंदरगाहों के आधुनिकीकरण के अलावा इस्पात संयंत्रों की स्थापना की. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य रहा कि आपातकाल समाप्त होने के बाद उन्हें हरेकृष्ण महताब से मिलने का मौका मिला था.



पीएम मोदी ने बोला कि पहले से कोई पहचान ना होने के बाद भी महताब ने उन्हें मिलने का समय दिया और बगैर दोपहर का भोजन किए उनसे लगभग ढाई घंटे बात की. 


प्रधानमंत्री ने उनसे अपनी मुलाकात को याद करते हुए कहा, ‘कभी-कभी देखता हूं जो बड़े परिवार में संतानें पैदा होती हैं, वह भी खासकर राजनीतिक परिवारों में.. और बाद में उनकी संतानों को देखते हैं तो कभी-कभी प्रश्न उठता है कि यह क्या कर रहे हैं?’


इसे भी पढ़ें- क्या RTPCR - Test के बाद भी कन्फर्म नहीं है कि आप कोरोना पॉजिटिव हैं या निगेटिव?


उन्होंने कहा कि हरेकृष्ण महताब ने अपने परिवार में अनुशासन और संस्कार को भी उतना ही बल दिया तब जाकर उन्हें संसद में भर्तुहरि महताब जैसे साथी मिले. भर्तुहरि महताब कटक से बीजू जनता दल के सांसद हैं तथा हरेकृष्ण महताब के पुत्र हैं. कार्यक्रम में भर्तुहरि महताब भी मौजूद थे. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी इस अवसर पर उपस्थित थे.


इसे भी पढ़ें- काला जादू, अंधविश्वास और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ दायर याचिका पर SC का सुनवाई से इनकार


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप