PM Modi का बड़ा ऐलान, `देश में लॉकडाउन जरूरी नहीं`
कोरोना पर मुख्यमंत्रियों के साथ मंथन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. PM मोदी देशवासियों को नहीं घबराने की सलाह दी और कहा कि बढ़ते केस चिंता का विषय है. टेस्ट, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट जरूरी है.
नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्रियों संग बैठक की. वर्चुअल मीटिंग में कोरोना की रोकथाम पर मंथन हुआ, लेकिन इस बैठक से ममता बनर्जी नदारद रहीं. वर्चुअल इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सहित राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे.
पीएम मोदी की सलाह, घबराएं नहीं
कोरोना पर मुख्यमंत्रियों के साथ मंथन के बाद PM मोदी ने कहा कि बढ़ते केस चिंता का विषय है. मरीजों की संख्या में इजाफा होने पर घबराएं ना. ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करें और वैक्सीनेशन पर राजनीति न करें. उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए केंद्र सरकार लगातार राज्यों के संपर्क में है. साथ ही कहा '11 से 14 अप्रैल तक देश में टीका उत्सव मनाएं.'
देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार लगातार राज्यों से संपर्क साध रही है. पिछले कुछ दिनों में कोरोना के नए मामलों में तेजी से उछाल आया.
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
PM Modi ने कहा कि 'देश में इस बार कोविड संक्रमण की बढ़ोतरी पहले से भी तेज है. हम सब के लिए यह चिंता का विषय है. इस बार लोग पहले की अपेक्षा बहुत लापरवाह हो गए हैं. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्यप्रदेश और गुजरात समेत कई राज्य फर्स्ट वेव की पीक को भी क्रॉस कर चुके हैं. कुछ और राज्य भी इस ओर बढ़ रहे हैं. हम सबके लिए ये चिंता का विषय है.'
उन्होंने कहा कि 'कोविड मैनेजमेंट का एक बहुत बड़ा पार्ट vaccine wastage को रोकना भी है. Vaccine को लेकर राज्य सरकारों की सलाह, सुझाव और सहमति से सही देशव्यापी रणनीति बनी है.'
मोदी ने बताया कि 'वैक्सीनेशन के साथ साथ हमें ये भी ध्यान रखना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद की लापरवाही न बढ़े. हमें लोगों को ये बार-बार बताना होगा कि वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क और सावधानी जरूरी है. हमने कोरोना की लड़ाई जीती थी, बिना वैक्सीन के. ये भी भरोसा भी नहीं था कि वैक्सीन आएगी या नहीं. आज हमें भयभीत होने की जरूरत नहीं है. हम जिस तरह से लड़ाई को लड़े थे, उसी तरह से फिर से लड़ाई जीत सकते हैं.'
प्रधानमंत्री ने बोला कि 'अधिकतर राज्यों में प्रशासन ही सुस्त नजर आ रहा है. ऐसे में कोविड के मामलों में अचानक बढ़ोतरी ने मुश्किलें ज्यादा पैदा की हैं. हमारे पास पहले के मुताबिक कोरोना से निपटने के लिए अच्छे संसाधन है. अब हमारे पास वैक्सीन भी है. अब हमारा बल माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर होना चाहिए. नाइट कर्फ्यू की जगह कोरोना कर्फ्यू का शब्द इस्तेमाल करे, इससे सजगता बनी रहती है.'
उन्होंने ये भी कहा कि '11 अप्रैल ज्योतिबा फुले जी की जन्मजयंति है और 14 अप्रैल बाबा साहेब की जन्म जयंति है, उस बीच हम सभी ‘टीका उत्सव’ मनाएं. पहले हमने बिना वैक्सीन के जीत हासिल की थी. हमें टेस्टिंग पर बल देना होगा. वैक्सीन लेने के बाद भी हमें मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. इस संकट को भी हम पार करके निकल जाएंगे.'
मोदी सरकार से ममता दीदी की ठनी!
केन्द्र सरकार से दीदी ने ऐसी दुश्मनी मान ली है कि अब ममता दीदी अब बंगाल की जनता की भी परवाह नहीं कर रहीं. देश में विकराल हो रहे कोरोना के बीच पीएम मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग मंथन हुआ, लेकिन दीदी सोशल डिस्टेंसिंग रखने के बजाए पॉलिटिकल डिस्टेंसिंग को तवज्जो दे रही हैं.
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ऑनलाइन हो रही पीएम और सीएम्स की बैठक में कोरोना की रोकथाम पर चर्चा हुई. साथ ही केन्द्र और राज्यों के बीच तालमेल बढ़ाने पर मंथन हुआ. कोरोना पर बढ़ते मामलों के बीच पीएम मोदी ने 17 मार्च को भी मुख्यमंत्रियों संग चर्चा की थी. उस बैठक से भी ममता बनर्जी नदारद रही थीं.
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