नई दिल्ली: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों, विशेषकर विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी. उन्होंने अपने संबोधन में कई अहम संदेश दिए और कहा कि बीते एक वर्ष में सभी महानुभावों, शिक्षकों, नीतिकारों ने इसे धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है.


नई शिक्षा नीति में हुए हैं कई बदलाव


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये महत्वपूर्ण अवसर ऐसे समय में आया है, जब देश आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है. ऐसे में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का इंप्लीमेंटेशन आजादी के अमृत महोत्सव का प्रमुख हिस्सा बन गया है.



पीएम मोदी ने बताया कि शिक्षकों ने नई शिक्षा नीति को जमीन पर उतारा. कोरोना काल में भी शिक्षा के क्षेत्र में कई काम हुए. उन्होंने कहा कि 'हमारे युवा बदलाव लाने के लिए तैयार हैं; यह अब और इंतजार नहीं करना चाहता. हमने देखा है कि कैसे COVID ने पूरे परिदृश्य को बदल दिया, लेकिन छात्रों ने इन परिस्थितियों को जल्दी से स्वीकार कर लिया और ऑनलाइन शिक्षा दिन का क्रम बन गई है.'


PM ने ये भी बोला कि 'पिछले एक साल में DIKSHA पोर्टल्स पर 2,300 करोड़ से अधिक हिट्स से पता चलता है कि यह कितना प्रभावी रहा है. आज भी इसे रोजाना करीब 5 करोड़ हिट मिलते हैं.'


नई शिक्षा नीति से भी आई डिजिटल क्रांति


उन्होंने कहा कि भारत का युवा हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए आगे बढ़ रहा है. वे भारतीय स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र में भी क्रांति ला रहे हैं. वे उद्योग 4.0 के लिए भारत का नेतृत्व तैयार कर रहे हैं और डिजिटल इंडिया को नए पंख दे रहे हैं.


प्रधानमंत्री ने बोला कि 'नई शिक्षा नीति युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है. जिस आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉन्च किया गया है, वो भी हमारे युवाओं को future oriented बनाएगा, AI driven economy के रास्ते खोलेगा.'



PM ने बोला कि 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हर तरह के दबाव से मुक्त रखा गया है. जो खुलापन नीति के स्तर पर है, वही खुलापन छात्रों को मिल रहे विकल्पों में भी है. अब छात्र कितना पढ़ें, कितने समय तक पढ़ें, ये सिर्फ संस्थाएं तय नहीं करेंगी, इसमें छात्रों की भी सहभागिता होगी.'


पीएम ने बताया कि हमने दशकों से देखा है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हमारे छात्र सीमाओं से परे जाते हैं. एनईपी के तहत भारत के बाहर के छात्र यहां आएंगे और बेहतरीन संस्थान भी भारत में अपने दरवाजे खोलेंगे.


नई शिक्षा नीति को दिया गया आधुनिक रूप


मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति को आधुनिक रूप दिया गया है. आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित Academic Bank of credit सिस्टम से इस दिशा में विद्यार्थियों के लिए क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है. अब हर युवा अपनी रुचि और सुविधा से कभी भी एक स्ट्रीम का चयन कर सकता है, छोड़ सकता है.



उन्होंने ये भी कहा कि 'हमने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों का 11 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए एक टूल भी विकसित किया है. मैं क्षेत्रीय भाषाओं में अपनी शिक्षा शुरू करने वाले छात्रों को बधाई देता हूं. इससे गरीबों, जरूरतमंदों, दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों को विशेष रूप से मदद मिलेगी.'


PM Modi ने बोला कि 'आज भारत में 3 लाख से अधिक छात्रों को सांकेतिक भाषा की आवश्यकता है. इसे ध्यान में रखते हुए पहली बार सांकेतिक भाषा को एक विशिष्ट विषय माना जा रहा है. इससे देश के दिव्यांगों को मदद मिलेगी.'


प्रधानमंत्री ने बताया कि Play School का कॉन्सेप्ट दूर दराज तक जाएगा, Play School अब तक शहरों में सीमित थे. पढ़ाई अब खेलते-हंसते हुए ही होगी. शिक्षा के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी काम हुए हैं. दिव्यांग छात्रों के लिए सांकेतिक भाषा में पढ़ाई की सुविधा है. बच्चे की तरक्की में शिक्षकों का अहम योगदान है. शिक्षकों के प्रयास से राष्ट्र आगे बढ़ेगा. भविष्य की रूपरेखा शिक्षक तैयार करते हैं.


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