नई दिल्ली: राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साल 1995 के मशरख डबल मर्डर केस में ये सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने पीड़ित को 10 लाख का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. इसमें 5 लाख का मुआवजा प्रभुनाथ और 5 लाख रुपये का मुआवजा सरकार पीड़ित को देगी.


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क्या था मशरख डबल मर्डर केस
ये मामला 1995 के चुनाव में छपरा के मसरख में राजेंद्र राय और दारोगा राय के मर्डर से जुड़ा है. प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं करने पर इन लोगों की हत्या कर दी गई थी. 


इस केस में प्रभुनाथ सिंह को निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था, लेकिन SC ने पिछली सुनवाई में उन्हें दोषी ठहराया था. 


पहले भी हो चुकी है उम्रकैद
प्रभुनाथ सिंह हत्या के एक दूसरे मामले में उम्रकैद की सज़ा काट रहा है.प्रभुनाथ सिंह हत्या के जिस अन्य मामले में उम्रकैद की सज़ा काट रहा है, वो पूर्व विधायक अशोक सिंह का है. अशोक सिंह ने 1995 में विधानसभा चुनाव में प्रभुनाथ सिंह को हरा दिया था . प्रभुनाथ ने चुनाव के बाद उन्हें 90 दिनों के अंदर मारने की धमकी दी थी. 


क्या कहा जस्टिस ने
जस्टिस विक्रम नाथ की फैसला पढ़ते हुए कहा - ऐसा केस पहले नहीं देखा. प्रभुनाथ सिंह पर दोष साबित हुआ है कि उन्होंने अपने खिलाफ जीतने वाले उम्मीदवार को मरवा डाला और जिन्होंने वोट नहीं दिया, उनको भी. दोनों ही मामलो में उम्रकैद की सज़ा हुई है. जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा-दो विकल्प हैं या तो जीवन दें या मौत. फिर जस्टिस विक्रम नाथ ने पूछा कि प्रभुनाथ की उम्र कितनी है ? उनके वकील ने बताया कि 70 वर्ष के हैं. फिर जस्टिस ने कहा कि तब तो भगवान ही मालिक हैं. 

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