नई दिल्लीः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने बुधवार को कहा कि हाल में पटना में 17 विपक्षी दलों की बैठक का दृश्य देखकर उन्हें हंसी आ रही थी. पटेल ने मुंबई में अजित पवार द्वारा बुलाई गई राकांपा की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं शरद पवार के साथ पटना में विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक में गया था और जब मैंने वहां का दृश्य देखा तो मुझे हंसी आ रही थी.


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जानिए ऐसा क्यों बोले प्रफुल्ल
उन्होंने कहा, ‘‘वहां 17 विपक्षी दल थे और उनमें से सात के लोकसभा में केवल एक-एक सांसद हैं. एक पार्टी ऐसी थी, जिसका कोई सांसद नहीं है. वे दावा करते हैं कि वे बदलाव लाएंगे.’’ पटेल ने कहा कि देश जानना चाहता है कि उन्होंने अजित पवार का साथ क्यों दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उचित समय पर इस सवाल का जवाब दूंगा.’’ 


कहा- मुझे सही समय का इंतजार
उन्होंने कहा कि जब पिछले साल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिरने की कगार पर थी, तब सभी राकांपा विधायकों और मंत्रियों ने शरद पवार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जाने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा, ‘‘जब हम शिवसेना की विचारधारा को स्वीकार कर सकते हैं तो फिर भाजपा के साथ जाने में क्या आपत्ति है?’’ 


पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी ने राष्ट्र हित और पार्टी हित में महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल होने का फैसला किया है, न कि व्यक्तिगत लाभ के लिए. बैठक में राकांपा नेता छगन भुजबल ने कहा, ‘‘बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था कि हमें लोगों की सेवा करने के लिए सत्ता में रहना चाहिए. लोग हमसे पूछते हैं कि हम भाजपा के साथ क्यों गए? हम भाजपा के साथ उसी तरह गए जैसे हम शिव सेना के साथ गए थे.’’ भुजबल ने कहा, ‘‘इसमें नया क्या है? यहां तक कि नीतीश कुमार, जयललिता, नवीन पटनायक, महबूबा मुफ्ती आदि भी भाजपा के साथ गए और फिर उसे छोड़ दिया.’’


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