उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा
माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को उमेश पाल की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को अदालत में पेश किया गया जहां दोनों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मंजूर की गई है. उमेश पाल की पत्नी जया पाल के वकील विक्रम सिन्हा ने बताया मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश गौतम की अदालत ने अतीक और अशरफ की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मंजूर की है और पुलिस रिमांड प्रार्थना पत्र पर बहस अभी जारी है.
नई दिल्लीः माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को उमेश पाल की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को अदालत में पेश किया गया जहां दोनों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मंजूर की गई है. उमेश पाल की पत्नी जया पाल के वकील विक्रम सिन्हा ने बताया मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश गौतम की अदालत ने अतीक और अशरफ की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मंजूर की है और पुलिस रिमांड प्रार्थना पत्र पर बहस अभी जारी है.
बुधवार को नहीं हो पाई थी पेशी
अतीक अहमद को बुधवार की शाम करीब छह बजे यहां की जेल में लाया गया. विलंब की वजह से उसे बुधवार को अदालत में पेश नहीं किया जा सका था. बरेली जेल से नैनी जेल लाए गए अतीक के भाई अशरफ को भी इसी मामले में अदालत में पेश किया गया. बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में प्रमुख गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा गार्ड की गत 24 फरवरी को धूमनगंज क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
उमेश पाल हत्याकांड में दर्ज हुआ था केस
उमेश पाल की पत्नी जया पाल की तहरीर पर 25 फरवरी को अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और नौ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम मंगलवार को अतीक अहमद को लेकर साबरमती जेल से प्रयागराज के लिए रवाना हुई.
साबरमती जेल से लाया गया था प्रयागराज
इससे पूर्व 26 मार्च को उसे साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था और 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में 28 मार्च को अदालत में पेश किया गया था . उसे और दो अन्य लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. अतीक अहमद को लेकर प्रयागराज आ रहा पुलिस का काफिला बुधवार को सुबह करीब पौने नौ बजे झांसी से उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रविष्ट हुआ.
'हम बिल्कुल मिट्टी में मिल गए हैं'
अहमद ने पुलिस वैन के अंदर से पत्रकारों से कहा, 'हम आपके जरिए सरकार से कहना चाहते हैं कि हम बिल्कुल मिट्टी में मिल गए हैं. अब हमारी औरतों और बच्चों को परेशान ना करें.' उल्लेखनीय है कि रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण कर उस पर हमला करने का आरोप लगने के बाद उच्चतम न्यायालय ने अप्रैल, 2019 में निर्देश दिया था कि अहमद को गुजरात में उच्च सुरक्षा वाली जेल में स्थानांतरित किया जाए.
पुलिस ने कहा कि अतीक अहमद पर हाल ही में उमेश पाल की हत्या के मामले सहित 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. वर्ष 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में भी अतीक अहमद पर प्रकरण दर्ज है.
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