कारगिल विजय दिवस: राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने वीर सपूतों को किया नमन, कहा- जय हिंद
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस मौके पर कहा कि `कारगिल विजय दिवस सशस्त्र बलों की असाधारण वीरता का प्रतीक है.` वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कारगिल विजय दिवस देश के गौरव का प्रतीक है.
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने मंगलवार को कहा कि 'कारगिल विजय दिवस' (Kargil Vijay Diwas) सशस्त्र बलों की असाधारण वीरता का प्रतीक है और लोग भारत माता की रक्षा करने के लिए अपना जीवन कुर्बान करने वाले वीर जवानों के हमेशा ऋणी रहेंगे.
'ऑपरेशन विजय' की सफलता की शुभकामनाएं
भारतीय सेना ने लद्दाख में कारगिल के ऊंचे पतर्वतीय इलाकों में करीब तीन महीने चले युद्ध के बाद जीत की घोषणा करते हुए 26 जुलाई 1999 को 'ऑपरेशन विजय' की सफलता का ऐलान किया था.
भारत की जीत को याद करने लिए 26 जुलाई को 'कारगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
मुर्मू ने ट्वीट किया, 'कारगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों की असाधारण वीरता, पराक्रम और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. भारत माता की रक्षा करने के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी वीर सैनिकों को मैं नमन करती हूं. सभी देशवासी इन शहीदों और उनके परिजनों के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे. जय हिंद.'
पीएम मोदी ने वीर सपूतों को किया नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कारगिल विजय दिवस के मौके पर मातृभूमि की रक्षा में अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले देश के वीर सपूतों को नमन किया.
भारतीय सेना ने लद्दाख में कारगिल के ऊंचे पतर्वतीय इलाकों में करीब तीन महीने तक चले युद्ध के बाद जीत की घोषणा करते हुए 26 जुलाई 1999 को 'ऑपरेशन विजय' की सफलता का ऐलान किया था. पाकिस्तान पर भारत की जीत को याद करने लिए 26 जुलाई को 'कारगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है. मोदी ने ट्वीट किया, 'कारगिल विजय दिवस मां भारती की आन-बान और शान का प्रतीक है. इस अवसर पर मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन. जय हिंद!'
वो तारीख जब कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर पाकिस्तान के सैनिकों ने कब्जा कर लिया था. जिसके बाद 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तिरंगा लहराने के लिए भारतीय सेना के शूरवीरों ने ऑपरेशन विजय का इतिहास रचा.
आज कारगिल विजय की 23वीं वर्षगांठ है. 26 जुलाई 1999 ही वो दिन था, जब भारतीय सेना ने कारगिल की पहाड़ियों को घुसपैठियों के चंगुल से पूरी तरह छुड़ा लिया. कारगिल युद्ध में देश से 500 से अधिक जवान शहीद हुए थे.
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